दिल्ली के लाल किले का जिक्र आते ही जेहन में यह सवाल कौंधता है कि आखिर इस किले को लाल रंग में ही क्यों बनाया गया हालांकि सच कुछ और ही था. लाल किले को वर्तनाम रंग में रंगने का आदेश अंग्रेजों ने दिया था.
लाल किले अनेकों ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह है. इस किले का रक्त रंजित इतिहास रहा है. फर्रुखशियर से लेकर बहादुर शाह जफर के शासन काल में कई गतिविधियों का केंद्र रहा.
लाल किले को यमुना नदी के किनारे बनाया गया. शाहजहां से पहले मुगल आगरा को आधार बनाकर शासन करते थे. लेकिन शाहजहां ने राजधानी को आगरा से दिल्ली स्थांतरित किया.
1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजों का लाल किले पर कब्जा हो गया था. भारत को जब आजादी मिली तो इस इमारत से 15 अगस्त को तिरंगा फहराने की प्रक्रिया शुरू हुई. 2007 में यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया.
लाल किले के निर्माण में चूना पत्थर का इस्तेमाल हुआ था लिहाजा रंग सफेद था. लेकिन मौसम की मार से जब खराब होने लगा तो उसके बाद अंग्रेजो ने लाल रंग से रंगवाने का आदेश दिया.
लाल किले को किला-ए मुबारक नाम से जानते थे. मुगलिया काल में इसे मुबारक किला भी कहा जाता है. मुगल बादशाह शाहजहां ने अपने दादा अकबर की याद में आगरा के रेड फोर्ट से प्रेरणा लेकर दिल्ली का लालकिला बनवाया.
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