FD Rates: निवेश के कई सारे माध्यमों में से एक एफडी भी है. एफडी के जरिए लोगों को काफी बेनेफिट्स हासिल हो सकते हैं. इसके साथ ही ये सुरक्षित निवेश की कैटेगरी में गिना जाता है. आइए जानते हैं एफडी को लेकर किन बातों का आपको ध्यान रखना चाहिए.
बैंकों के जरिए लोग फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कर सकते हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट के माध्यम से लोग एकमुश्त अमाउंट को सेव कर सकते हैं और उस पर ब्याज हासिल कर सकते हैं. हालांकि एफडी निवेश का माध्यम है और सुरक्षित माध्यम के तौर पर जाना जाता है लेकिन इसके बावजूद लोगों को एफडी करवाने से पहले कुछ बातों के बारे में गौर करना चाहिए. आइए जानते हैं इसके बारे में...
ब्याज दर- एफडी में एक निश्चित ब्याज दर मिलती है. यह ब्याज दर अलग-अलग बैंक में अलग हो सकती है. ऐसे में लोग जब भी भी एफडी करवाएं तो अलग-अलग बैंकों की ब्याज दर को जरूर चेक करें. जहां ब्याज दर ज्यादा मिल रही हो, उस बैंक में एफडी करवाना फायदेमंद रह सकता है.
एकमुश्त राशि- एफडी के तहत लोगों को ये बात ध्यान रखनी चाहिए कि एफडी में एकमुश्त राशि जमा करनी होती है. ऐसे में आप जितनी राशि जमा करेंगे, उसके मुताबिक ही आपको ब्याज हासिल होगा. एकमुश्त राशि जितनी ज्यादा होगी, ब्याज का पैसा उतना ही ज्यादा मिलेगा.
अवधि- एफडी जब भी करवाएं तो एक टेन्योर भी आपको सेलेक्ट करना होगा. इस टेन्योर के बाद ही आपकी एफडी मैच्योर होगी. जब भी एफडी करवाएं तो अपनी जरूरतों का ध्यान में रखते हुए टेन्योर चुनें. आप जो टेन्योर चुनेंगे, उसके हिसाब से ब्याज में भी थोड़ा बदलाव हो सकता है.
टैक्स- अगर आपको टैक्स सेविंग करनी है तो उस लिहाज से भी एफडी करवाई जा सकती है. हालांकि इसके लिए पांच साल का टेन्योरी चुनना होगा. टैक्स सेविंग एफडी के लिए इतना टेन्योर होना जरूरी है. इसके बाद ही इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त टैक्स सेविंग की जा सकती है.
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