Green Tea Side Effects in Hindi: ग्री टी को लेकर ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि यह सेहत के लिए अच्छी होती है. इसमें कोई शक नहीं कि ग्रीन टी सेहत के लिए फायदेमंद है. लेकिन इसके नुकसान भी हैं. इसलिए आपको पीने का सही तरीका और सही मात्रा पता होनी चाहिए. क्योंकि इसके जितने जबरदस्त फायदे हैं, उससे कहीं ज्यादा खतरनाक नुकसान भी हैं.
Green Tea Side Effect: वजन घटाने से लेकर इम्युनिटी बूस्ट करने तक में ग्रीन टी कारगर मानी गई है. कई अध्ययनों में ये कहा गया है कि अगर आप सही तरीके से ग्रीन टी का इस्तेमाल करें तो ये शरीर को अनेकों फायदे पहुंचा सकती है. लेकिन इसे पीने के कुछ नुकसान भी हैं, जिसके बारे में संभवत: नहीं जानते होंगे. तो आइये आज उसके नुकसान के बारे में जान लीजिए.
खाली पेट अगर आप ग्रीन टी पीते हैं तो इससे पेट में जलन हो सकती है. क्योंकि ग्रीन टी में टैनिन होता है जो पेट में एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है. इससे आपको कॉन्स्टिपेशन, एसिड रिफलक्स और उल्टी जैसा लग सकता है. अगर आप बहुत गर्म ग्रीन टी पीते हैं, तो इन समस्याएं की आशंका ज्यादा है. ज्यादा ग्रीन टी पीने से आपको लूज मोशन भी हो सकता है. इसमें मौजूद कैफीन, कोलोनल मसल्स को लैक्सेटिव इफेक्ट देता है, जिससे बार-बार मोशन महसूस होता है. इसकी वजह से आपको बार-बार बाथरूम जाना पड सकता है. अगर आपको पहले से ही पेट की समस्या है तो आपको इसे नहीं पीना चाहिए. इससे बचने के लिए आप खाली पेट ग्रीन टी न पिएं. आप हर बार खाने के बाद इसे पी सकते हैं. और अगर आपके पेट में एसिड बनता है या पेट का अल्सर है या एसिडिटी रहती है तो आपको ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए.
ग्रीन टी में कैफीन होता है, इसलिए इसे पीने से आपको सिर में दर्द हो सकता है. जिन लोगों को पहले से माइग्रेन जैसी समस्या है, उन्हें कभी कभार ही ग्रीन टी पीनी चाहिए. अगर आप कैफीन सेंसिटिव हैं तो आपको ग्रीन टी से दूर ही रहना चाहिए.
ग्रीन टी में एक ऐसा कंपाउंड होता है जो नींद के लिए हानिकारक हो सकता है, वो है कैफीन. ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा हालांकि बहुत कम होती है, लेकिन फिर भी अगर आप कैफीन सेंसिटिव हैं तो आपको नींद की समस्या हो सकती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रीन टी में मौजूद केमिकल कंपाउंड मेलाटोनिन जैसे हार्मोन के प्रोडक्शन को रोकते हैं, जिसकी वजह से नींद आती है.
इसके अलावा ग्रीन टी में एल-थेनाइन भी होता है. ये एक ऐसा है रसायन जो शांत रहने में मदद करता है, लेकिन साथ ही ये सतर्कता और ध्यान भी बढ़ाता है. इसकी वजह से आपकी नींद में खलल आ सकता है. कुछ शोध बताते हैं कि एल-थेनाइन नींद के लिए फायदेमंद है. हालांकि, ये अध्ययन मुख्य रूप से एडीएचडी और सिजोफ्रेनिया से बीमार लोगों पर किए गए हैं. इसके अलावा शोध से पता चलता है कि एल-थेनाइन ब्रेन में ग्लूटामेट रिसेप्टर्स को रोकता है, जिससे हार्ट बीट कम हो जाती है और नींद में मदद मिलती है. लेकिन अगर आप ज्यादा कैफीन वाली ग्रीन टी पी रहे हैं तो जैसे कि माचा ग्रीन टी, तो इससे नुकसान हो सकता है. इसलिए अगर आप ज्यादा ग्रीन टी पीते हैं तो इससे आपकी नींदें उड़ सकती हैं.
ये बात सच है कि ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, लेकिन इसकी ये खूबी आपके शरीर में आयरन के अवशोषण में बाधा डालते हैं. एक मेटा-विश्लेषण से पता चला है कि जो लोग पहले से एनीमिया या अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, जिसमें आयरन की कमी है, उनके लिए ये खतरनाक हो सकता है. एक केस स्टडी में पाया गया कि ग्रीन टी 48 साल के व्यवसायी में एनीमिया का कारण बन गया, जिसने कई साल तक हर सप्ताह 1500 मिलीलीटर (6 कप) ग्रीन टी का सेवन किया. इस दुष्प्रभाव से बचने के लिए, अपनी चाय में नींबू मिलाएं. नींबू में मौजूद विटामिन सी आयरन के अवशोषण को बढ़ावा देता है. ऑप्शन के तौर पर आप खाने से एक घंटे पहले या बाद में ग्रेन टी पी सकते हैं. इससे आपके शरीर को आयरन को अवशोषित करने का समय मिल जाएगा. एहतियात के तौर पर, अगर आपको एनीमिया है तो ग्रीन टी से बचें.
ग्रीन टी ब्लीडिंग डिस्ऑर्डर को ट्रिगर कर सकती है. ग्रीन टी में पाया जाने वाला कंपाउंड शरीर में फाइब्रिनोजेन को करता है. ये वो प्रोटीन है जो खून को थक्का बनाने में मदद करता है. ग्रीन टी फैटी एसिड के ऑक्सीकरण को भी रोकती है, जिससे खून पतला हो सकता है. अगर आपको खून के थक्के जमने की समस्या है, तो ग्रीन टी पीने से बचें. इसे पीरियड्स में भी पीने के लिए मना किया जाता है.
ग्रीन टी सप्लीमेंट्स और ग्रीन टी के अधिक सेवन से लिवर को नुकसान और लिवर की बीमारी हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा, कैफीन के निर्माण के कारण होता है जो लिवर पर दबाव डाल सकता है. इससे बचने के लिए, हर दिन 4 से 5 कप से ज्यादा ग्रीन टी का सेवन करने से बचें.
ग्रीन टी ज्यादा पीने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी की बीमारी हो सकती है. ग्रीन टी में मौजूद कंपाउंड कैल्शियम के अवशोषण को बाधित करते हैं, जिसकी वजह से हड्डियों की सेहत खरा होती है. अगर आपको हड्डी की बीमारी होने का खतरा है, तो ग्रीन टी के 2 से 3 कप तक ही सेवन करें. अगर आप इससे ज्यादा पीते हैं तो हड्डियों की सेहत को बनाए रखने के लिए कैल्शियम सप्लीमेंट लेना जरूर लें.
ग्रीन टी में टैनिन, कैफीन और कैटेचिन होती है. ये सभी चीजें प्रेग्नेंसी के दौरान खतरनाक साबित हो सकती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि प्रेग्नेंसी में या फीड कराने के दौरान हर दिन 2 कप से ज्यादा ग्रीन टी पीना खतरनाक हो सकता है. प्रेग्नेंसी में ज्यादा ग्रीन टी के कारण अबॉर्शन का डर रहता है. जबकि आप फीडिंग के दौरान ग्रीन टी पी रही हैं तो इससे दूध के जरिये बच्चे में भी कैफीन जाता है. इसलिए अपने डॉक्टर इससे मना करते हैं.
हालांकि ग्रीन टी के कई साइड इफेक्ट हैं, लेकिन FDA के अनुसार ग्रीन टी को सीमित मात्रा में पीने पर सुरक्षित माना जाता है. इनमें से ज्यादातर साइड इफेक्ट कैफीन की वजह से होते हैं और ये तभी होते हैं जब आप इसका सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं. अगर आप कैफीन के प्रति संवेदनशील हैं, तो कम मात्रा में ग्रीन टी पिएं या इससे पूरी तरह बचें. अगर आपको कोई बीमारी है, जिससे आपको साइड इफेक्ट होने का खतरा है, तो ग्रीन टी पीने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें.
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