भारतीय रेलवे जल्द ही वंदे भारत स्लीपर ट्रेन लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. इस ट्रेन को देश की प्रीमियम ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस का अपग्रेडेशन माना जा रहा है.
वंदे भारत स्लीपर का लक्ष्य आम लोगों के लिए ट्रेन का सफर आरामदायक और सुरक्षा सुविधाओं के मामलों में नई क्रांति लाना है. आज हम आपको 10 पॉइंट्स में बताएंगे कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन राजधानी एक्सप्रेस से बेहतर क्यों बेहतर है?
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन 160 किमी/घंटा की अधिकतम स्पीड तक चल सकती है. जो तेजी से यात्रा के समय को कम करती है. बेहतर सुरक्षा के लिए साइड की दीवारें, छत, फर्श की चादरें और केबिन ऑस्टेनिटिक स्टील से बनाई गई है
भारतीय रेलवे के मुताबिक, इस ट्रेन में सोने के लिए बर्थ को बेहतर कुशनिंग के साथ बनाया गया है. इसके अलावा अपर और मिडिल बर्थ तक सीढ़ियों से पहुंचना आसान बनाया गया है.
राजधानी एक्सप्रेस के विपरीत वंदे भारत स्लीपर ऑटोमेटेड ट्रेन है. यानी इस ट्रेन को चलाने के लिए लोकोमोटिव की जरूरत नहीं है. इस ट्रेन में दोनों दोनों सिरों पर ड्राइवर कैबिन हैं, जिससे स्टेशनों पर टर्नअराउंड समय कम होता है.
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन पूरी तरह से सील बंद की तरह है. जिससे पूरी ट्रेन बेहतर एयर कंडीशनिंग में रहती हैं. साथ ही इस ट्रेन में धूल आने की भी संभावना नहीं रहती है.
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में गेट ड्राइवर द्वारा के कंट्रोल में होते हैं जो ऑटोमेटिक काम करते हैं. दो कोचों के बीच स्वचालित इंटरकनेक्टिंग दरवाजे भी हैं जो यात्रियों की सुविधा को बढ़ाते हैं.
ट्रेन में टच-फ्री फिटिंग्स के साथ बायो-वैक्यूम शौचालय और एसी फर्स्ट क्लास कोच में शॉवर क्यूबिकल की सुविधा है. इसके अलावा ट्रेन में क्रैश बफर और डिफॉर्मेशन ट्यूब सिस्ट है. यह ट्रेन EN 45545 HL3 फायर सेफ्टी स्टैंडर्ड को पूरा करती है और एडवांस सुरक्षा के लिए फायर बैरियर वॉल भी है.
रेलवे अधिकारियों के अनुसार वंदे भारत स्लीपर ट्रेन यात्रियों को स्मूथ और झटके-रहित यात्रा अनुभव प्रदान करेगी. इस प्रोटोटाइप ट्रेन में 16 कोच होंगे. जिसमें 1 एसी फर्स्ट क्लास, 4 एसी 2-टियर, और 11 एसी 3-टियर कोच शामिल हैं. इस ट्रेन में कुल 823 यात्रियों को एडजस्ट किया जा सकता है.
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