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पिता नहीं क्लियर कर पाए UPSC, तो बेटी ने पूरा किया सपना, पहले IPS फिर बनीं IAS

IAS Mudra Gairola: आईएएस मुद्रा गैरोला के पिता साल 1973 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास नहीं कर सके थे, इसलिए मुद्रा ने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए यह परीक्षा दी और इसमें सफल होकर पहले आईपीएस और फिर आईएएस ऑफिसर बन गई.

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हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन करते हैं, लेकिन उनमें से केवल एक हजार उम्मीदवार ही इस परीक्षा को पास कर आईएएस व आईपीएस ऑफिसर का पद हासिल कर पाते हैं. कुछ उम्मीदवारों का तो यह सपना होता है कि वे इस परीक्षा को अपनी जिंदगी में एक बार क्लियर कर सकें, लेकिन लाखों उम्मीदवार इस सपने को पूरा करने से हर साल चूक जाते हैं. 

पिता सपना पूरा करने के लिए दी यूपीएससी परीक्षा

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पिता सपना पूरा करने के लिए दी यूपीएससी परीक्षा

वहीं, कई उम्मीदवार आपको ऐसे भी मिल जाएंगे, जो इस परीक्षा में इसलिए बैठते हैं, ताकि वे अपने माता-पिता का सपना पूरा कर सकें. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी ही उम्मीदवार की सफलता भरी कहानी के बारे में बताएंगे, जिनके पिता यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास नहीं कर सके थे, इसलिए उन्होंने अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए यह परीक्षा दी और इसमें सफल होकर पहले आईपीएस और फिर आईएएस ऑफिसर बन गई.

IPS किरण बेदी भी कर चुकी हैं सम्मानित

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IPS किरण बेदी भी कर चुकी हैं सम्मानित

दरअसल, हम बात करें रहे हैं आईएएस ऑफिसर मुद्रा गैरोला की, जो उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की रहने वाली हैं. उनका परिवार फिलहाल दिल्ली में रहता है. आईएएस अधिकारी मुद्रा गैरोला बचपन से ही टॉपर रही हैं। आईएएस अधिकारी मुद्रा गैरोला के 10वीं बोर्ड परीक्षा में 96% और 12वीं बोर्ड परीक्षा में 97% अंक थे. उन्हें भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी द्वारा स्कूल में सम्मानित भी किया जा चुका है.

ग्रजुएशन के दौरान जीता गोल्ड मेडल

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ग्रजुएशन के दौरान जीता गोल्ड मेडल

आईएएस अधिकारी मुद्रा गैरोला ने 12वीं कक्षा पास की और मुंबई के एक मेडिकल कॉलेज में बीडीएस यानी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स में दाखिला लिया. आईएएस अधिकारी मुद्रा गैरोला को बीडीएस में भी गोल्ड मेडल मिला. ग्रेजुएशन के बाद वह दिल्ली आ गईं और एमडीएस में दाखिला लिया लेकिन उनके पिता हमेशा से चाहते थे कि वह आईएएस अधिकारी बनें.

मास्टर्स छोड़ शुरू की UPSC की तैयारी

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मास्टर्स छोड़ शुरू की UPSC की तैयारी

बता दें कि मुद्रा गैरोला के पिता का सपना खुद एक आईएएस अधिकारी बनने का था जिसे वह पूरा नहीं कर सके. इसलिए अपने पिता के आजीवन सपने को पूरा करने के लिए आईएएस अधिकारी मुद्रा गैरोला ने एमडीएस बीच में ही छोड़ दिया और यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. साल 2018 में आईएएस अधिकारी मुद्रा गैरोला ने पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा दी जिसमें वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गईं, लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हो सका.

पहले IPS और फिर नहीं IAS

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पहले IPS और फिर नहीं IAS

मुद्रा गैरोला ने 2019 में दोबारा यूपीएससी इंटरव्यू दिया लेकिन फाइनल मेरिट लिस्ट में उनका नाम नहीं आया. इसके बाद 2020 में वह मेन्स परीक्षा क्रैक नहीं कर पाईं. लेकिन मुद्रा ने 2021 में फिर से यूपीएससी परीक्षा दी. इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 165वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लियर किया और आईपीएस ऑफिसर बन गईं. हालांकि, आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को साकार करने के लिए मुद्रा ने साल 2022 में फिर से यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दी और इस बार 53वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लियर कर आईएएस ऑफिसर बनने में कामयाब रहीं.

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