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किसी मॉडल से कम नहीं हैं ये IAS अफसर, आप खुद ही देख लीजिए

UPSC Success Story: जो लोग छोटी-बड़ी असफलताओं से घबरा जाते हैं, उनके लिए प्रियंका गोयल की कहानी  मोटिवेशनल साबित हो सकती है. दिल्ली की प्रियंका के लिए UPSC का सफर काफी मुश्किलों भरा रहा, लेकिन इस दौरान वह बिना हार माने अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहीं. वह अपने सपने को लेकर बिल्कुल स्पष्ट थीं. उनके लिए सिर्फ मंजिल मायने रखती थी, न कि सामने का कठिन रास्ता.

यहां से की 12वीं की पढ़ाई

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यहां से की 12वीं की पढ़ाई

प्रियंका गोयल दिल्ली की रहने वाली हैं. उन्होंने पीतमपुरा में स्थित महाराजा अग्रसेन मॉडल स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की है. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के केशव महाविद्यालय से कॉमर्स में बैचलर्स की डिग्री हासिल की.

ग्रेजुएशन के बाद शुरू की तैयारी

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ग्रेजुएशन के बाद शुरू की तैयारी

ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी होने के बाद से ही वह सरकारी नौकरी के लिए यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गई थीं.

6 अटेंप्ट में बनीं अफसर

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6 अटेंप्ट में बनीं अफसर

प्रियंका गोयल ने यूपीएससी परीक्षा के टोटल 6 अटेंप्ट दिए थे. अगर वह यूपीएससी सीएसई 2022 में असफल हो जातीं तो सरकारी अफसर बनने का उनका ख्वाब अधूरा रह जाता. 

ये था ऑप्शन सब्जेक्ट

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ये था ऑप्शन सब्जेक्ट

प्रियंका गोयल का ऑप्शनल विषय पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन था. इसमें उन्होंने 292 मार्क्स हासिल किए थे. प्रियंका ने एक इंटरव्यू में बताया कि यूपीएससी परीक्षा का उनका यह सफर बहुत मुश्किल था. उन्हें यह भी नहीं पता था कि वह कभी सफल हो भी पाएंगी या नहीं.

पहले अटेंप्ट में प्री भी नहीं हुआ था क्लियर

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पहले अटेंप्ट में प्री भी नहीं हुआ था क्लियर

यूपीएससी परीक्षा के पहले प्रयास के दौरान प्रियंका गोयल को सिलेबस की सही जानकारी नहीं थी. इसमें वह प्रीलिम्स भी क्लियर नहीं कर पाई थीं. दूसरे प्रयास मे वह 0.7 मार्क्स से कट ऑफ लिस्ट में जगह बनाने से चूक गई थीं. 

थर्ड अटेंप्ट में मेंस तक पहुंचीं लेकिन असफल रहीं

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थर्ड अटेंप्ट में मेंस तक पहुंचीं लेकिन असफल रहीं

अपने तीसरे प्रयास में वह यूपीएससी मेंस परीक्षा में फेल हो गई थीं. चौथे में CSAT में पीछे रह गई थीं. 5वें में कोविड काल में उनकी मां के 80% लंग्स डैमेज हो गए थे. इस प्रयास में भी वह प्रीलिम्स क्लियर नहीं कर पाई थीं.

एक दौर ऐसा भी था

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एक दौर ऐसा भी था

प्रियंका मानती हैं कि उन्हें अपना 5वां अटेंप्ट उस समय नहीं देना चाहिए था. तब वह क्राइसिस के दौर से गुजर रही थीं और ऐसे में प्रतियोगी परीक्षा पास कर पाना वाकई बहुत मुश्किल था.

आखरी अटेंप्ट और बन गईं अफसर

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आखरी अटेंप्ट और बन गईं अफसर

इतने सालों में उन पर सोसाइटी और शादी का प्रेशर भी बढ़ने लगा था. उनके पास सिर्फ एक अटेंप्ट बचा था और इसमें उन्हें अपनी काबिलियत साबित कर अपना फ्यूचर सेट करना था. आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और 2022 यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 369वीं रैंक हासिल कर ली.

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