Indian Railway Longest Train journey: भारतीय रेल उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक दौड़ती है. पहाड़ों से लेकर जंगलों के बीच तक भारतीय रेल की पटरियां बिछी हुई है. ऐसा ही एक रूट है भारत के सबसे लंबे रेल सफर का.
Indian Railway longest Train Journey: भारतीय रेल उत्तर से दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक दौड़ती है. पहाड़ों से लेकर जंगलों के बीच तक भारतीय रेल की पटरियां बिछी हुई है. ऐसा ही एक रूट है भारत के सबसे लंबे रेल सफर का. इस सफर में अगर आप एक बार घुस गए तो अगले चार दिन बाद अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे .
ट्रेन का सफर यूं को सुहाना होता है, लेकिन क्या आप एक ही सीट पर, एक ही कोच पर 4 दिन बिता सकता हैं. भारत के इस ट्रेन के सफर की शुरुआत असम के डिब्रूगढ़ से होती है और 4 दिन का सफर तय करके यह ट्रेन तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक पहुंचती हैं. देश की सबसे लंबी रेल यात्रा करवाने वाली इस ट्रेन का नाम है विवेक एक्सप्रेस. ये ट्रेन करीब 4 हजार किलोमीटर से अधिक का सफर 4 दिन में पूरा करती है.
डिब्रूगढ़-कन्याकुमारी विवेक एक्सप्रेस (Dibrugarh – Kanniyakumari Vivek Express) की घोषणा रेल बजट 2011-12 में की गई थी. स्वामी विवेकानंद के 150वें जन्मदिवस पर इसे शुरू किया गया था. ये ट्रेन असम के डिब्रूगढ़ से तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक जाती है. विवेक एक्सप्रेस 9 राज्यों का सफर करती है
देश की सबसे लंबी दूरी तक चलने वाली यह ट्रेन असम, नागालैंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु के बीच चलती है. इस सफर को पूरा करने में उसे 4 दिन लग जाते हैं.
19 कोचों वाली यह ट्रेन अपने सफर के दौरान 4189 किलो मीटर की दूरी तय करती है. इस दूरी तो तय करने में उसे 75 घंटे का वक्त लग जाता है. सफर के दौरान ट्रेन 59 स्टेशनों पर ठहरती है.
सबसे लंबी दूरी तय करने वाली यह ट्रेन हफ्ते में सिर्फ दो दिन ही चलती है. irctc की वेबसाइट के मुताबिक ट्रेन नंबर 15905/15906 विवेक एक्सप्रेस मंगलवार और शनिवार को चलती है. डिब्रूगढ़ से शाम 7.25 पर चलकर यह ट्रेन 75 घंटे तक पटरी पर दौड़ते हुए चौथे दिन 22.00 बजे कन्याकुमारी पहुंचती है. ये रेल सफर भारतीय रेलवे का सबसे लंबा रेल सफर है. हालांकि इस रेल सफर के कई राज्यों के लोगों को फायदा मिलता है.
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