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Kisan Andolan: MSP की कानूनी गारंटी देना आसान नहीं? सरकार क्यों नहीं तुरंत मान लेती है किसानों की मांग

Farmers Protest Reason: दिल्ली की सीमा पर संग्राम छिड़ा है. आंदोलनकारी अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं. यूं तो सरकार ने आंदोलनकारियों की ज्यादातर मांगों को मान लिया है लेकिन अभी कुछ मामलों पर पेच फंसा हुआ है. जिसकी वजह से आंदोलन (Farmers Protest) खत्म नहीं हो रहा है. किसानों की सबसे बड़ी मांग फसलों के MSP की कानूनी गारंटी है. दरअसल, इस वक्त सरकार 24 फसलों पर MSP की गारंटी देती है. मगर किसान चाहते हैं कि सभी फसलों पर MSP की गारंटी (MPS Guarantee) मिले. साथ ही डेयरी और हॉर्टिकल्चर को भी इस लिस्ट में शामिल किया जाए.

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बता दें कि इन सभी प्रोडक्ट की मार्केट में कीमत करीब 40 लाख करोड़ है. अगर सरकार सब पर MSP की गारंटी देगी तो सालाना 40 लाख करोड़ का बोझ बढ़ेगा. यानी सरकार को सालाना 40 लाख का अनाज खरीदने के लिए तैयार रहना होगा. जो कि मुश्किल ही नहीं नामुमकिन के बराबर है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, ये समझने के लिए इन आंकड़ों पर नजर डालिए.

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दरअसल, सरकार का कुल एक्सपेंडिचर बजट 45 लाख करोड़ है. ऐसे में अगर सरकार MSP के लिए तैयार हो जाती है तो सरकार के कुल एक्सपेंडिचर बजट का 90 प्रतिशत MSP पर खर्च हो जाएगा. इसके अलावा इनकम टैक्स का कलेक्शन करीब 16 लाख 63 हजार करोड़ होता है, जिसका ढ़ाई गुना MSP पर ही खर्च करना पड़ जाएगा. अगर डिफेंस बजट से तुलना करें करें तो सरकार का डिफेंस बजट करीब साढ़े 5 लाख करोड़ है यानी डिफेंस बजट का 8 गुना MSP पर खर्च आएगा. वहीं, अगर हेल्थ बजट की बात करें जो सरकार अस्पताल, इलाज और दवाइयों पर खर्च करती है. ये करीब एक लाख करोड़ होता है यानी कि MSP का खर्च हेल्थ बजट का 40 गुना आएगा जो कि बड़ी परेशानी है.

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अगर मान लिया जाए कि सरकार और किसानों की बातचीत में कोई बीच का रास्ता निकलता है और किसान ये मांग करते हैं कि सभी फसलों पर ना सही, कम से कम मौजूदा MSP वाली फसलों पर गांरटी लागू कर दें तो ये भी सरकार के लिए आसान नहीं होगा. क्योंकि अनुमान के मुताबिक, मौजूदा MSP वाली फसलों पर गांरटी लागू करने से सरकार को 10 लाख करोड़ सालाना खर्च आएगा जो कि देश के हेल्थ बजट का 10 गुना, डिफेंस बजट का करीब 2 गुना है. इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार सालाना जितना खर्च करती है उतने के बराबर सरकार को मौजूदा MSP वाली फसलों पर कानूनी गारंटी देने से खर्च आएगा. यानी सरकार के लिए ये भी लागू करना आसान नहीं होगा. क्योंकि सवाल है कि सरकार MSP से आए अतिरिक्त खर्च के लिए डिफेंस बजट में कटौती करेगी या फिर हेल्थ बजट में?

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अब आपको बता दें कि फिलहाल क्या स्थिति है? मौज़ूदा समय में सरकार 24 फसलों पर MSP तय करती है. इनमें से 25 प्रतिशत फसलों को सरकार खरीद लेती है. जिस पर सरकार को करीब 2.5 लाख करोड़ का खर्च आता है. यानी अभी अनाज खरीदने पर सरकार कुल 2.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करती है. अगर सभी फसलों को जोड़ दिया जाए तो फिलहाल सरकार करीब 6.25 प्रतिशत फसल खरीदती है.

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इस हिसाब से किसानों की मांग मानने से अनाज खरीदने के सरकारी खर्च पर जमीन-आसमान का अंतर आ जाएगा. सरकार का पूरा राजस्व बिगड़ जाएगा. और सरकार के लिए मुश्किल हो जाएगी. यही वजह है कि केंद्र सरकार MSP पर बहुत सोच-समझ कर फैसला करना चाहती है इसीलिए इतनी देरी हो रही है.

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