Lok Sabha Election News: चुनाव के मौसम में कई नेताओं का हृदय परिवर्तन भी हो रहा है. रातों-रात पार्टी से मोहभंग और दूसरे दल पर भरोसे की बयार सी बह गई है. लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद से कई नेता अपना दल छोड़ चुके हैं. इनमें कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने एक दिन पहले विरोधी दल पर हमला बोला और अगले ही दिन उसी दल में शामिल हो गए. आइये आपको ऐसे ही कुछ दिग्गज नेताओं से मिलवाते हैं...
पहले आपको कांग्रेस नेता और मुक्केबाज विजेंदर के बारे में बताते हैं. उन्होंने कल मंगलवार को भाजपा पर निशाना साधा था. और आज वे भाजपा में शामिल हो गए हैं. विजेंदर सिंह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे और उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता था. राहुल गांधी वर्ष 2011 में उनकी शादी में भी शामिल हुए थे.
झारखंड में भाजपा की धुर विरोधी जेएमएम को तब बड़ा झटका लगा था जब सीबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन भाजपा में शामिल हो गईं थीं. सीता सोरेन जेएमएम की महासचिव थीं. जेएमएम में रहते हुए तीन बार विधायक भी चुनी गईं. लेकिन इस बार के चुनाव में वे पाला बदलकर भाजपा में आ गईं हैं.
लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब में भी बड़ा दलबदल देखने को मिला. आदम आदमी पार्टी को झटका देते हुए जालंधर के सांसद सुशील कुमार रिंकू भाजपा में शामिल हो गए. आम आदमी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका इस लिहाज से भी है क्योंकि पार्टी ने सुशील कुमार रिंकू को जालंधर सीट से फिर से उम्मीदवार बनाया था.
पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचौरी का भी लोकसभा चुनाव से पहले हृदय परिवर्तन हुआ है. उन्होंने भी कांग्रेस को छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए. कांग्रेस की सरकार में वो कई मंत्रालयों के केंद्रीय राज्य मंत्री की जिम्मेदारियां संभाल चुके थे. वह लगातार चार बार राज्यसभा सांसद रहे.
कुरुक्षेत्र के सियासी रण में भी बड़ा उलटफेर तब देखने को मिला जब पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया. उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया. उनके इस्तीफे की खबर सामने आई ही थी कि इसके कुछ ही देर बाद वह भाजपा में शामिल हो गए.
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