Acharya Dhirendra Shastri: बीते कुछ समय से बागेश्वर धाम खूब सुर्खियों में है. कुछ वर्षों पहले तक जिस बागेश्वर धाम को मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड और आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग जानते थे, उसकी चर्चा आज पूरे देश भर में है. बागेश्वर धाम के बाबा आचार्य धीरेंद्र शास्त्री से मिलने बड़े-बड़े नेता अर्जी लगाते हैं. चुनावी समय में चाहे बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी हों या अन्य दलों के, सबकी कोशिश है कि उनके क्षेत्र में कम से कम एक बार आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का दरबार लग जाए.
राष्ट्रीय स्तर पर बागेश्वर धाम और आचार्य धीरेंद्र शास्त्री के चर्चा में आने के बाद पहली बार मध्य प्रदेश में चुनाव होने जा रहे हैं. बीजेपी के कई नेता पहले से ही धीरेंद्र शास्त्री के साथ नजर आते रहे हैं तो वहीं जो कांग्रेस पहले धीरेंद्र शास्त्री के कथित चमत्कारों को गुमराह करने वाला बताती थी, उसके नेता भी अब बाबा से मुलाकात करते, साथ फोटो खिंचवाते और तारीफ करते नजर आते हैं. मध्य प्रदेश के नेताओं को ये समझ आ रहा है कि बाबा का प्रभाव चुनाव में जरूर पड़ेगा. बाबा के लाखों भक्तों में पार्टियों को वोटर नजर आता है.
हिंदू राष्ट्र, सनातन धर्म, पाकिस्तान की बात करने वाले धीरेंद्र शास्त्री अपने भक्तों के साथ सोशल मीडिया और राजनेताओं के बीच अपनी लोकप्रियता बढ़ा रहे हैं. छतरपुर के गढ़ा गांव में बागेश्वर धाम मौजूद है और जहां धीरेंद्र शास्त्री अपना दरबार लगाते हैं. बागेश्वर धाम में लोगों की भीड़ देखकर समझ आ जाता है कि लोग या तो धाम से होकर आ रहे हैं या उस ओर जा रहे हैं.मंदिर के रास्ते में परिक्रमा लगाते लोग, यज्ञ,हवन,जाप करते लोग, भंडारे में बैठे लोग हर तरफ श्रद्धालुओं की भीड़ ही नजर आती है.
आचार्य धीरेंद्र शास्त्री का इंतजार वाले 8-10 दिन से कर रहे थे, ताकि एक बार उनके दरबार का हिस्सा बन जाएं और उनके दर्शन कर लें. कुछ लोग ऐसे भी थे जो एक बार दर्शन कर चुके हैं, लेकिन उन्हें दोबारा भी दर्शन करना है, इसलिए धाम में ही रुक गए हैं. मध्य प्रदेश की कुल आबादी का लगभग 90% हिस्सा हिंदू है. यानि जीत पाने के लिए किसी भी पार्टी को हिन्दू अपर कास्ट और ओबीसी दोनों ही वोट चाहिए. धीरेंद्र शास्त्री के अनुयायियों में ये दोनों ही शामिल हैं.
जहां भी धीरेन्द्र शास्त्री गए हैं, वहां हज़ारों कि तादाद में भीड़ आई है. बागेश्वर धाम मंदिर के पुजारी का कहना है कि उनके ऊपर साक्षात गुरु की कृपा है, जिस तरह से वो लोगों की समस्याओ का समाधान करते हैं, उसे लेकर लोगों में उनके प्रति आस्था है.
हालांकि, धीरेंद्र शास्त्री कहते हैं कि उनकी न तो राजनीति में आने की कोई मंशा है और ना ही वो किसी राजनीतिक पार्टी का समर्थन करते हैं. सिर्फ छतरपुर ही नहीं बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री के प्रभाव का अंदाजा सभी राजनीतिक दलों को है, इसीलिए चुनाव से पहले चाहे कांग्रेस के नेता हों या बीजेपी के वो धीरेन्द्र शास्त्री को अपने यहां बुलाना चाहते हैं और प्रवचन कराना चाहते हैं.
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