नई वैज्ञानिक जांच में पता चला है कि इस ग्रह से सड़े हुए अंडे जैसे गंध आ सकती है. एक ऐसी गंध, जिसे मानव की नाक ने आज तक महसूस न किया हो. आकार में बृहस्पति से थोड़ा बड़ा यह ग्रह गैस से भरा हुआ है.
इस ग्रह से सड़े अंडे की गंध आने के पीछे हाड्रोजन सल्फाइड गैस हो सकती है, जो वैज्ञानिकों ने वहां के वातावरण में डिटेक्ट की थी. जांच में यह भी पता चला कि उस ग्रह पर भयानक गर्मी हो सकती है. रिसर्च में पता चला है कि वह ग्रह आकर्षक कोबाल्ट नीले रंग वाला है. संभावना है कि वहां पर बारिश के रूप में पिघले हुए कांच जैसी चीजें गिरती हों.
वैज्ञानिकों के मुताबिक बृहस्पति ग्रह में भी थोड़ी मात्रा में हाइड्रोजन सल्फाइड मौजूद है. हालांकि यह पहली बार है कि यह यौगिक किसी बाहरी ग्रह पर पाया गया है. इससे सौर मंडल से बाहर के ग्रहों के बारे में भी जानकारी पता चलती है.
खगोल वैज्ञानिक और बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के रिसर्चर गुआंगवेई फू कहते हैं, बाहरी ग्रह पर मिली बदबूदार गंध से उसकी रेपुटेशन और खराब होगी. इस तरह के ग्रह पर मानव कभी नहीं जाना चाहेंगे. हालांकि खगोल विज्ञान को समझने के लिए यह अच्छी जानकारी है.
वैज्ञानिकों का अनुमान हमारे सौर मंडल के बाहर मौजूद यह ग्रह गर्म गैसों का घूमता गोला नजर आता है. इसका औसत तापमान 930 डिग्री सेल्सियस हो सकता है. सूर्य की परिक्रमा करने में जहां बृहस्पति को 12 साल लगते हैं, यह ग्रह हर 2 दिन में एक परिक्रमा कर लेता है.
यह ग्रह पृथ्वी से करीब 64 प्रकाश वर्ष दूर है. एक प्रकाश वर्ष में 9.5 ट्रिलियन किमी होते हैं. हमारी मिल्की वे आकाशगंगा में सौरमंडल के बाहर यह नजदीकी ग्रह है. यह जिस तारे की परिक्रमा करता है, वह सूर्य से छोटा और ठंडा है. इसका केवल एक तिहाई ही चमकदार है. टेलीस्कोप से हुए निरीक्षण में मीथेन की उपस्थिति को खारिज कर दिया.
वैज्ञानिक डॉ. वेलबैंक्स के मुताबिक, हम एचडी 189733बी पर जीवन की खोज नहीं कर रहे हैं. यह बहुत गर्म है. इसका निर्माण ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम से हुआ है. यह पृथ्वी की तरह नहीं है, जहां सामान्य वातावरण हो और जीव- जंतु रह सकें.
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