MP Chunav: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव परिणामों की स्थिति लगभग साफ हो गई. इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि मध्य प्रदेश के 10 हैवीवेट नेताओं का प्रदर्शन कैसा रहा, किसे हार-जीत मिली. इसमें बीजेपी और कांग्रेस दोनों के नेता शामिल हैं.
Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश के टॉप-10 लीडर्स की लिस्ट में आइए देखते हैं कि किसको कितने अंतर से हार-जीत मिली है.
शिवराज सिंह चौहान (बीजेपी) सीट- बुधनी रिजल्ट- जीत
सीहोर जिले में पड़ने वाली बुधनी विधानसभा सीट मौजूदा शिवराज का गढ़ है. शिवराज सिंह हर बार की तरह इस बार इसी सीट से चुनावी मैदान में रहे. कांग्रेस ने शिवराज के सामने इस बार चुनावी मैदान में टीवी सीरियल रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले विक्रम मस्तल को मैदान में उतारा. पिछले 2018 चुनाव में शिवराज के सामने अरुण यादव थे. शिवराज ने उन्हें 58,999 मतों से हराया था.
कमलनाथ (कांग्रेस) सीट- छिंदवाड़ा रिजल्ट- जीत
छिंदवाड़ा में कमलनाथ के सामने बीजेपी के बंटी साहू रहे. पिछले चुनाव में साहू को 44 फीसदी वोट मिले और वे केवल 25,000 वोटों से हार गए थे. जबकि कमलनाथ पहले से ही सीएम थे और साहू अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे.
कैलाश विजयवर्गीय (बीजेपी) सीट- इंदौर एक रिजल्ट- जीत
इस बार इंदौर-एक विधानसभा सीट से 6 बार के विधायक और मंत्री रहे स्टार प्रचारक कैलाश विजयवर्गीय को बीजेपी ने उतारा. 2008 के विधानसभा चुनाव में इंदौर की अंबेडकर नगर-एमएच सीट से फिर से विजयी रहे. फिर 2013 के चुनावों में भी इसी सीट से जीत हासिल की. वह इंदौर की अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ते हुए लगातार 6 सीटों पर चुनाव जीतने में कामयाब रहे. इस बार इंदौर-एक से मैदान में.
नरेंद्र सिंह तोमर (बीजेपी) सीट- दिमनी रिजल्ट- जीत
नरेंद्र सिंह तोमर पर पार्टी ने बड़ा भरोसा जताते हुए विधानसभा चुनाव में उतारा. वह मुरैना जिले की दतिया सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.
प्रहलाद सिंह पटेल (बीजेपी) सीट- नरसिंहपुर रिजल्ट- जीत
प्रहलाद सिंह पटेल को बीजेपी ने महाकौशल की नरसिंहपुर सीट से चुनाव लड़ाया है. यहां से उनके भाई जालम सिंह सिटिंग विधायक हैं. प्रहलाद पटेल पहली बार विधानससभा चुनाव के मैदान में हैं.
फग्गन सिंह कुलस्ते (बीजेपी) सीट- निवास रिजल्ट - हार
पिछले दो चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा 2003 के चुनाव के बाद से लगातार इस सीट पर चुनाव जितती आ रही थी. यहां फग्गन सिंह कुलस्ते के भाई रामप्यारे कुलस्ते तीन बार विधायक रहे. लेकिन 2018 में उन्हे कांग्रेस प्रत्याशी अशोक मर्सकोले ने 28 हजार से अधिक वोटों से हराया था. ऐसे में पार्टी ने इस सीट पर दोबारा जीत हासिल करने के लिए फग्गन सिंह कुलस्ते को चुनावी मैदान में उतारा.
जयवर्धन सिंह (कांग्रेस) सीट- राघौगढ़ रिजल्ट- जीत
जयवर्धन ने सबसे पहले राघौगढ़ से ही 2013 में चुनाव लड़ा था और 59,000 वोटों से जीते थे. उस साल वह सबसे ज्यादा वोट मार्जिन से जीतने वाले कांग्रेस विधायक थे. 2018 में उन्होंने फिर चुनाव लड़ा और जीत गए. जब 2018 में कमलनाथ की सरकार बनी थी तो उन्हें शहरी विकास एवं आवास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी.
जीतू पटवारी (कांग्रेस) सीट- राऊ रिजल्ट- हार
3 लाख 70 हजार मतदाताओं वाली राऊ विधानसभा सीट से पिछली दो बार से जीतू पटवारी जीत रहे हैं. इस बार बीजेपी के सीनियर लीडर मधु वर्मा एक बार फिर उन्हें टक्कर दे रहे हैं.
नरोत्तम मिश्रा (बीजेपी) सीट- दतिया रिजल्ट- हार
दतिया विधानसभा सीट पर 20 साल से बीजेपी का कब्जा है. यहां 2003 से लगातार बीजेपी जीत दर्ज करते आ रही है. 2003 में दतिया विधानसभा सीट से बीजेपी के रामदयाल प्रभाकर ने कांग्रेस के महेंद्र बौद्ध को हराया. 2008 से यह सीट सामान्य हो चुकी थी और नरोत्तम मिश्रा को डबरा सीट छोड़कर दतिया से लड़ना पड़ा था. इस चुनाव ने मिश्रा ने राजेंद्र भारती को हराया था. 2013 में एक बार फिर नरोत्तम मिश्रा ने राजेंद्र भारती को हराया. 2018 में मिश्रा ने लगातार तीसरी बार इस सीट से जीत दर्ज करके अपना लोहा मनवाया.
अजय सिंह राहुल (कांग्रेस) सीट- चुरहट रिजल्ट- जीत
पूर्व सीएम अर्जुन सिंह के बेटे अजय सिंह ने 1998 में इस सीट से दावेदारी ठोकी और विजयी रहे. इसके बाद वह लगातार इस सीट से चुने जाते रहे. 1998 के बाद 2003, 2008 और 2013 के चुनाव में अजय सिंह विजयी रहे. हालांकि 2018 में बड़ा उलटफेर हो गया बीजेपी के शरदेंदु तिवारी ने अजय सिंह को कड़े मुकाबले में हरा दिया. इस बार वे फिर मैदान में रहे.
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