How Richest Man on Earth lost wealth: आज जब अमीरों की बात होती है तो आपकी जुबां पर एलन मस्क, जेफ बेजॉस, बिल गेट्स, गौतम अडानी और मुकेश अंबानी जैसे नाम आते हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब ये शख्स इन सबपर भारी था.
Richest Man on Earth: पैसा कमाना जितना मुश्किल है, उसे संभालना और उसे बढ़ाना भी उतना ही मुश्किल. जिस कारोबार को, धन-दौलत सालों की मेहनत से खड़ा किया, अगर वो रातों-रात डूबने लगे तो उससे बड़ा दुख कुछ और नहीं हो सकता. आज जिस उद्योगपति की बात करेंगे उसके साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. आज जब अमीरों की बात होती है तो आपकी जुबां पर एलन मस्क, जेफ बेजॉस, बिल गेट्स, गौतम अडानी और मुकेश अंबानी जैसे नाम आते हैं, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब ये शख्स इन सबपर भारी था. धरती के सबसे अमीर उद्योगपति का ताज इनके सिर पर था, लेकिन फिर अचानक उसकी दौलत घटती चली गई. आज भले ही आप मासायोशी को नहीं जानते हो, लेकिन कभी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति का खिताब उनके नाम किया था.
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि मासायोशी सोन कौन हैं ? बता दें कि मासायोशी सॉफ्टबैंक ग्रुप के फाउंडर और सीईओ हैं. उनकी कंपनी ने ओला, ओयो और पेटीएम जैसी भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में खूब पैसा लगाया है. एक वक्त था, जब उन्होंने दौलत के मामले में बिल गेट्स, जेफ बेजोस, मुकेश अंबानी, गौतम अडानी जैसे दिग्गजों को कहीं दूर छोड़ दिया था, लेकिन अब वो अमीरों की लिस्ट में बहुत नीचे हैं. उन्होंने अपना साम्राज्य गंवा दिया है.
जापान में तीसरी पीढ़ी के जैनिची कोरियाई के रूप में जन्मे मासायोशी अवैध कारोबार से जुड़े थे. परिवार में पैसों की कोई कमी नहीं थी. घर में कार रखने वालों में सबसे पहली फैमिली उनकी थी. रईसी के मामले में उनकी फैमिली की गिनती शाही परिवारों में होती थी. मासायोशी ने पढ़ाई पूरी करने के बाद वीडियो गेम की कंपनी यूनिसन वर्ल्ड की शुरुआत की. हालांकि उन्होंने कुछ ही सालों में वो कंपनी 2 मिलियन डॉलर में बेच दी और उन्हीं पैसों से 1981 में सॉफ्टबैंक की शुरुआत की.
सब ठीक चल रहा था, कंपनी बहुत तेजी से बढ़ रही थी. बड़ी कंपनियों में निवेश किया. उनकी कंपनी याहू और अलीबाबा जैसी कंपनियों में शुरुआती निवेशकों में से एक थी. इन कंपनियों के मुनाफे के चलते मासायोशी की दौलत बढ़ती चली गई और कुछ समय के लिए वो विश्व के सबसे धनी व्यक्ति बन गए. लेकिन उनकी ये खुशी ज्यादा दिनों तक जारी नहीं रह सकी. स्टॉक मार्केट क्रैश होने के चलते कंपनियों को बड़ा नुकसान हुआ, जिसकी सीधा असर मासायोशी की दौलत पर पड़ा. उनकी कुल संपत्ति 78 अरब डॉलर यानी करीब 5856175 करोड़ से घटकर सिर्फ 8 अरब डॉलर रह गई.
शेयर मार्केट क्रैश होने के चलते मासायोशी की दौलत घटकर सिर्फ 8 अरब डॉलर रह गई. उन्होंने हार मानने के बजाए कोशिश जारी रखी और साल 2006 में वोडाफोन जापान का अधिग्रहण किया खुद को जापान के सबसे धनी व्यक्तियों में से शामिल किया. मौजूदा वक्त में उनकी संपत्ति बढ़कर 23 अरब डॉलर पर पहुंच गई है.
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