Rajasthan Chunav: राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणामों की स्थिति लगभग साफ हो गई. इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि राजस्थान के 10 हैवीवेट नेताओं का प्रदर्शन कैसा रहा, किसे हार-जीत मिली. इसमें बीजेपी और कांग्रेस दोनों के नेता शामिल हैं.
Election Results 2023: राजस्थान के टॉप-10 लीडर्स की लिस्ट में आइए देखते हैं कि किसको कितने अंतर से हार-जीत मिली है.
अशोक गहलोत (कांग्रेस) सीट- सरदारपुरा रिजल्ट - जीत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरदारपुरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. यह सीट गहलोत की कर्मभूमि है और उन्होंने यहां से 25 साल से लगातार चुनाव जीता है.1998 में, जब गहलोत को कांग्रेस ने राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया, तो उन्हें सरदारपुरा सीट से उपचुनाव जीतना था. उन्होंने यह चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया. 2008 में, गहलोत ने दूसरी बार मुख्यमंत्री का चुनाव जीता. वह 2018 में भी मुख्यमंत्री बने और वर्तमान में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. बीजेपी ने गहलोत के खिलाफ प्रोफेसर महेंद्र सिंह राठौर को मैदान में उतारा है. राठौर राजस्थान बीजेपी के दिग्गज नेताओं में से एक हैं. इस चुनाव में गहलोत का मुकाबला राठौर से है. यह देखना होगा कि कौन इस सीट पर जीत हासिल करता है.
सचिन पायलट (कांग्रेस) सीट- टोंक रिजल्ट - जीत
सचिन पायलट टोंक के वर्तमान विधायक हैं, इस सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने इस सीट पर पिछले तीन चुनावों में से तीन में जीत हासिल की है, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या पायलट इस सीट पर अपना दबदबा बनाए रख पाएंगे. टोंक सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला है. कांग्रेस ने इस सीट पर पिछले तीन चुनावों में से दो में जीत हासिल की है, लेकिन 2013 में बीजेपी को जीत मिली थी. टोंक सीट पर सचिन पायलट और अजीत सिंह मेहता के बीच मुकाबला है. पायलट ने 2018 में मेहता को हराया था, लेकिन मेहता 2013 में विजेता रहे थे.
वसुंधरा राजे (बीजेपी) सीट- झालरापाटन रिजल्ट - जीत वसुंधरा राजे झालरापाटन सीट को अपना गढ़ मानती हैं, इस बार भी इसी सीट से चुनाव लड़ रही हैं. वे 2003 से लगातार इस सीट से जीत रही हैं, और इस दौरान वे राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं. कांग्रेस ने उनके सामने रामलाल चौहान को मैदान में उतारा है. वसुंधरा ने 2018 के चुनाव में कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह को हराया था.
दीया कुमारी (बीजेपी) सीट- विद्याधर नगर रिजल्ट- जीत
राजस्थान की राजसमंद लोकसभा सीट से सांसद दीया कुमारी इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर राजधानी जयपुर की विद्याधर नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं. यह चर्चा थी कि अंदरूनी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अगर भाजपा चुनाव जीतती है, तो दीया कुमारी को मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनाया जा सकता है. हालांकि, दीया कुमारी ने खुद इस बात को सिर्फ अटकलें बताया है.
बाबा बालक नाथ(बीजेपी) सीट- तिजारा रिजल्ट - जीत राजस्थान विधानसभा चुनाव में बाबा बालक नाथ एक चर्चित उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं. उन्हें कई लोग राजस्थान का योगी भी कहते हैं. बीजेपी ने उन्हें तिजारा विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने उन्हें टक्कर देने के लिए इमरान खान को मैदान में उतारा है. हाल ही में, बाबा बालक नाथ अपने बयानों को लेकर भी चर्चा में रहे. उन्होंने चुनाव को भारत-पाकिस्तान मैच के रूप में बताया है.
राज्यवर्धन सिंह राठौर (बीजेपी) सीट- झोटवाड़ा रिजल्ट - जीत
पूर्व ओलंपियन राज्यवर्धन सिंह राठौर को बीजेपी ने झोटवाड़ा सीट से मैदान में उतारा है. 2014 में पहली बार सांसद बनने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौर को पार्टी ने इस बार विधानसभा चुनाव में उतारा है. उनके खिलाफ कांग्रेस ने अभिषेक चौधरी को मैदान में उतारा है.
किरोड़ी लाल मीणा(बीजेपी) सीट- सवाई माधोपुर रिजल्ट - जीत किरोड़ी लाल मीणा सवाई माधोपुर विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं. उनके लिए इस बार का चुनाव आसान नहीं है क्योंकि बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद आशा मीणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इस तरह, इस सीट पर बीजेपी के किरोड़ी लाल मीणा और कांग्रेस के मौजूदा विधायक दानिश अबरार के साथ-साथ आशा मीणा के बीच भी मुकाबला होगा.
सीपी जोशी (कांग्रेस) सीट- नाथद्वारा रिजल्ट - हार विधानसभा अध्यक्ष रहे सीपी जोशी नाथद्वारा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने इस बार उनके सामने मेवाड़ राजघराने के कुंवर विश्वराज सिंह को मैदान में उतारा है. हालांकि नाथद्वारा को सीपी जोशी का गढ़ माना जाता है. वो यहां से पांच बार के विधायक भी हैं. 1980, 1985, 1993, 2003 के चुनाव में सीपी जोशी विधायक बने थे. 2018 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के महेश प्रताप सिंह को हराया था.
गोविंद सिंह डोटासरा (कांग्रेस) सीट- लक्ष्मणगढ़ रिजल्ट - जीत
राजस्थान कांग्रेस के मुखिया गोविंद सिंह डोटासरा सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वे गहलोत सरकार में मंत्री भी थे लेकिन अध्यक्ष बनने के बाद मंत्री पद से उन्होंने इस्तीफा दिया था. डोटासरा के सामने बीजेपी ने सुभाष महरिया को टिकट दिया है. 2013 के चुनाव में भी डोटासरा और महरिया के बीच आमना-सामना हुआ था. हालांकि, तब महरिया को हार मिली थी.
नरेंद्र बुडानिया (कांग्रेस) सीट- तारानगर रिजल्ट - जीत चूरू जिले की तारानगर विधानसभा सीट इस बार काफी हॉट सीट बन गई है. कांग्रेस ने यहां पूर्व राज्यसभा सदस्य नरेंद्र बुडानिया को उतारा है, जबकि बीजेपी ने नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को मैदान में उतारा है. यह सीट काफी आक्रामक हैं और चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाने को तैयार वाली सीट बन गई है. बुडानिया ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि चुनाव जीतने के लिए अगर किसी को मारना भी पड़े तो मार डालो. इस बयान से राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई थी. बुडानिया के इस बयान का बीजेपी ने विरोध किया था.
ट्रेन्डिंग फोटोज़