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Knowledge Story: ये हैं दुनिया के वो आविष्कारक, जिनकी जान उन्हीं के आविष्कारों ने ले ली

Inventors Died While Experimentation: आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है और इसकी खोज इंसान को सूचनागार (Information Center) बनाती है.  इंसान की जरूरतें वक्त के साथ बढ़ती ही गई. इसी का नतीजा है कि आज साइंस ने इतनी तरक्की कर ली है कि हम चांद पर जीवन तलाश रहे हैं. 

 

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आज हम आपको दुनिया के ऐसे आविष्कारकों के बारे में बताएंगे, जो इतिहास में तो अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवा गए, लेकिन उनका खुद का आविष्कार ही उनके मौत की वजह बना...

इंसान की जिज्ञासा

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इंसान की जिज्ञासा

इंसान की जिज्ञासु प्रकृति ने हमेशा विभिन्न घटनाओं को समझने में मोटिवेशन का काम किया है, लेकिन यह बहुत ही जोखिम भरा काम होता है. इंसान की जिज्ञासा ही है जो हमें तरक्की का हाथ पकड़कर बहुत आगे ले आई है, लेकिन इसके पीछे बहुत सी जानें भी गई हैं. 

 

सिल्वेस्टर एच. रोपर

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सिल्वेस्टर एच. रोपर

सिल्वेस्टर हॉवर्ड रोपर एक अमेरिकी आविष्कारक थे, जो शुरुआती ऑटोमोबाइल और मोटरसाइकिल के अग्रणी निर्माता थे.  साल 2002 में उन्हें रॉपर स्टीम वेलोकिपेडे (Roper steam velocipede) की खोज के लिए मोटरसाइकिल हॉल ऑफ फ़ेम में शामिल किया गया था. रॉपर स्टीम वेलोकिपेडे के शुरुआती स्पीड टेस्ट के दौरान घटी एक दुर्घटना उनकी मौत की वजह बन गई. 

फ्रांज रेइकलट

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फ्रांज रेइकलट

फ्लाइंग टेलर के नाम से मशहूर फ्रांज रेइकलट ने कोट पैराशूट का आविष्कार किया था. इसी के परीक्षण के लिए उन्होंने एफिल टॉवर से छलांग लगाई, लेकिन पैराशूट ओपन न हो पाने के कारण उनकी मौत हो गई.  रेइकलट का कोट पैराशूट टॉवर के नजदीक बर्फीले मैदान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जो उनके मौत की वजह बन गया. 

केरल सोसेक

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केरल सोसेक

केरल सोसेक ने शॉक-अवशोषित बैरल (Shock-Absorbent Barrel) का आविष्कार किया था. इसकी टेस्टिंग के लिए केरल सोसेक को नियाग्रा वॉटर फॉल से नियाग्रा रीवर में लुढ़काना था. यह करतब दिखाने के दौरान तो केरल गए, लेकिन जब बैरल से बाहर निकले तो उनकी नाक से बहुत खून बह रहा था. मेडिकल टेस्ट में सामने आया कि टेस्टिंग के दौरान केरल की छाती और पेट बुरी तरह से डैमेज हो गई थी और खोपड़ी की हड्डी भी टूट गई थी, जिसकी वजह से हॉस्पिटल में ही उनकी मौत हो गई. 

होरेस लॉसन हनीली

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होरेस लॉसन हनीली

दुनिया की पहली लड़ाकू पनडुब्बी का निर्माण होरेस लॉसन हनीली ने किया था. अपने दो असफल प्रयासों के बाद वह एक सबमरीन बनाने में तो सफल रहे, लेकिन टेस्टिंग के दौरान 8 चालक दल के सदस्यों समेत इनकी मौत हो गई. परीक्षण के दौरान उनकी पनडुब्बी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. अमेरिका के उस दौर की सबसे प्रसिद्ध सबमरीन का नाम इनके सम्मान में एच.एल. हनीली  रखा गया.

मैरी क्यूरी

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मैरी क्यूरी

मैरी स्कोलोव्स्का क्यूरी एक फिजिसिस्ट और रसायनज्ञ थीं. नोबेल प्राइज पाने वाली वह दुनिया की पहली महिला थीं. इन्होंने रेडियोधर्मी आइसोटोप को अलग करने के लिए रेडियोधर्मिता और तकनीक के सिद्धांत को प्रतिपादित किया था.  मैरी ने एक ऐसी विधि का आविष्कार किया, जिससे रेडियोधर्मी दो तत्वों, पोलोनियम और रेडियम की खोज की जा सकती है. रिसर्च मटेरियल से निकलने वाले विकिरण के लंबे समय तक संपर्क में रहने की वजह से इनकी जान चली गई. 

हेनरी स्मोलींस्की

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हेनरी स्मोलींस्की

हेनरी स्मोलींस्की ने एक हाइब्रिड कार-एयरक्राफ्ट का आविष्कार किया, जिसे AVE मीजार (AVE Mizar) नाम दिया गया. टेस्टिंग की उड़ान के दौरान यह एयरक्राफ्ट  दुर्घटनाग्रस्त हो गया और हेनरी की मौत हो गई. 

सबिन अर्नोल्ड वॉन सोचॉकी

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सबिन अर्नोल्ड वॉन सोचॉकी

सबिन ने रेडियम बेस्ड पेंट का इन्वेन्शन किया था, लेकिन इनके साथ भी वही हुआ, जिसकी वजह से मैरी की जान गई थी. लंबे समय तक रेडियोधर्मी सामग्री के संपर्क में रहने की वजह से सबिन अर्नोल्ड एप्लास्टिक एनीमिया के शिकार हो गए, जिसके कारण इनकी मौत हो गई. 

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