Scrub Typhus News: हिमाचल प्रदेश अभी बाढ़ के प्रकोप से उबरा था कि स्क्रब टाइफस का खतरा बढ़ गया. इसकी वजह से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा ओडिशा के भी कुछ हिस्सों में इसके मामले सामने आए हैं. चूंकि इलाज के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है लिहाजा ऐहतियात और बचाव ही सबसे बड़ा उपाय बताया जा रहा है.
हिमाचल प्रदेश में इस समय स्क्रब टाइफस से संक्रमित लोगों में इजाफा हो रहा है.
यह बैक्टीरिया जनित रोग है. संक्रमिक लार्वा माइट्स जिन्हें चिगर्स भी कहा जाता है उनके काटने से होता है, इसका खतरा ना सिर्फ भारत में बल्कि इंडोनेशिया, चीन,जापान में भी है.
स्क्रब टाइफस में डेंगू की तरह लक्षण दिखाई देते हैं. यदि आप हाल फिलहाल में कहीं घूमने के लिए गए हों तो डॉक्टर को जानकारी जरूर दें. सिरदर्द, बदन पर रैश, ठंड के साथ बुखार कॉमन है
अगर स्क्रब टाइफस के बारे में जानकारी पहले मिल जाती है तो इलाज करना आसान हो जाता है. इसमें एंटीबॉयटिक्स का इस्तेमाल करते हैं हालांकि बिना डॉक्टरी सलाह दवा नहीं लेनी चाहिए
जानकारों के मुताबिक बारिश के बाद मौसम में नमी की वजह से कीड़े मकोड़े की संख्या में बढ़ोतरी हो जाती है, ऐसे में अगर कीड़ों की प्रजाति अगर संक्रमित हो जाए तो उसकी वजह से इंसानों को स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है.
इस बैक्टीरियल संक्रमण के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है. इसका उपाय यह है कि उन इलाकों में जाने से बचें जहां इस तरह के कीट मिलते हैं यानी जहां हरियाली अधिक हो
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