Solar Flares Blast 2024: सूरज की सतह पर लगातार धमाके हो रहे हैं. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने इन सौर धमाकों की तस्वीरें जारी की हैं. नासा ने एक बयान में कहा, 'सूर्य ने 10-11 मई, 2024 को दो मजबूत सौर ज्वालाएं उत्सर्जित की. नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी ने घटनाओं की तस्वीरें लीं.' 10 और 11 मई को हुए इन धमाकों की वजह से ताकतवर सौर ज्वालाएं निकलीं. जब इन सौर तूफानों का असर धरती पर हुआ तो बेहद खूबसूरत नजारा दिखा. रंग-बिरंगी रोशनी आसमान पर छा गई. उत्तरी यूरोप से लेकर ऑस्ट्रेलिया और भारत में भी कहीं-कहीं अरोरा लाइट्स दिखीं. खूबसूरती अपनी जगह मगर सौर तूफानों की वजह से धरती के तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर को खतरा पैदा हो जाता है. जियोमैग्नेटिक तूफानों के चलते मैग्नेटिक फील्ड में फ्लक्चुएशन होता है जिससे पावर ग्रिड, कम्युनिकेशन नेटवर्क और सैटेलाइट ऑपरेशन बाधित हो सकते हैं.
सूर्य पर हो रहे धमाकों के अपडेट नासा अपने X हैंडल NASA Sun & Space पर दे रहा है. 10-11 मई को निकले सोलर फ्लेयर्स का यह फोटो NASA ने जारी किया है.
सूर्य से निकलने वाली सौर ज्वालाओं की हालिया सीरीज दुनिया भर में चमकदार रंग-बिरंगी रोशनी पैदा कर रही है. इन्हें 'ऑरोरा लाइट्स' कहा जाता है.
सोलर फ्लेयर या सौर ज्वालाएं सूर्य की सतह पर होने वाले विशाल धमाकों को कहते हैं. इन धमाकों से ऊर्जा, प्रकाश और उच्च गति के कण अंतरिक्ष में बिखर जाते हैं. NASA के मुताबिक, ये ज्वालाएं अक्सर सौर चुंबकीय तूफानों से जुड़ी होती हैं जिन्हें कोरोनल मास इजेक्शन (CME) कहा जाता है.
सबसे बड़े सोलर फ्लेयर्स को 'एक्स-क्लास फ्लेयर्स' कहा जाता है. सबसे छोटे सोलर फ्लेयर्स A-class कहलाते हैं. जैसे भूकंप के लिए रिक्टर स्केल होता है, उसी तरह सौर ज्वालाओं के लिए भी लेटर सिस्टम है. हर लेटर एनर्जी आउटपुट में 10 गुना बढ़त को दर्शाता है.
NASA के मुताबिक, सौर ज्वालाओं की वजह से एक बिलियन हाइड्रोजन बमों जितनी ऊर्जा पैदा हो सकती है. अगर ये धरती की तरफ आएं तो रेडिएशन तूफान ला सकती हैं. इससे सैटेलाइट्स, कम्युनिकेशंस सिस्टम और यहां तक कि ग्राउंड-बेस्ड तकनीकों और पावर ग्रिड्स को भी नुकसान हो सकता है.
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