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नई कहानी के साथ लौटी ‘हसीन दिलरुबा’, लेकिन इसकी वो 5 कमियां; जो फिल्म को बनाती हैं कमजोर

Phir Aayi Haseen Dilruba 5 Week Points: तापसी पन्नू और विक्रांत मैसी की साल 2021 में आई फिल्म ‘हसीन दिलरुबा’ का सीक्वल 'फिर आई हसीन दिलरुबा' 9 अगस्त को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो चुका है. फिल्म को दर्शकों का मिला-जुला रिस्पॉन्स मिल रहा है. हालांकि, लोग काफी समय से इस फिल्म के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. इस समय 'फिर आई हसीन दिलरुबा' नेटफ्लिक्स की टॉप फिल्मों और सीरीज में बना हुआ है, लेकिन आज हम आपको फिल्म की उन कमियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी वजह से फिल्म की कहानी थोड़ी कमजोर रह गई. शायद आपने इस कमियों को नजरअंदाज कर दिया हो. तो चलिए हम आपको बताते हैं क्या हैं वो कमियां? 

‘हसीन दिलरुबा’ का सीक्वल 'फिर आई हसीन दिलरुबा'

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‘हसीन दिलरुबा’ का सीक्वल 'फिर आई हसीन दिलरुबा'

विक्रांत मैसी और तापसी पन्नू की नई फिल्म ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ ने नए टेस्ट और फ्लेवर के साथ ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है, जिसको 5 दिन हो चुके हैं. इस बार फिल्म में तापसी और विक्रांत के अलावा दो नए किरदार नजर आ रहे हैं, जो सन्नी कौशल और जिम्मी शेरगिल हैं. दोनों ने फिल्म में अपना दमदार अभिनय देने की पूरी कोशिश की है. हालांकि, कुछ दर्शकों का मानना है कि फिल्म का सीक्वल पहले पार्ट की तरह ज्यादा प्रभावशाली नहीं है. 

कहानी में दो नए किरादर, लेकिन नहीं कुछ नया

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कहानी में दो नए किरादर, लेकिन नहीं कुछ नया

कहानी की शुरुआत अभिमन्यु (सन्नी कौशल) से होती है, जिसके बाद दर्शकों का रानी (तापसी) के दर्शन होते हैं, जिसको देखने के लिए लोग बेताब थे, लेकिन उनकी एंट्री इतनी दमदार नहीं होती, जो दर्शकों को निराश कर देती है. इस फिल्म की कहानी इसके पहले पार्ट को आगे बढ़ाती है. जहां रानी और रिशु आगरा में रह रहे हैं और विदेश भागने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, रानी के पुराने किरदार के मुकाबले नई रानी दर्शकों को कुछ खास राज नहीं आ रही है. साथ ही लोगों को इस बात ने भी काफी कंफ्यूज किया कि बिना लीड के मोंटू चाचा (जिम्मी शेरगिल), जो एक बड़े पुलिस ऑफिसर हैं को ये कैसे पता चला कि रानी और रिशु आगरा में कहीं छिपे हैं.  

पहले पार्ट की तरह नहीं दिखा विक्रांत मैसी का दम

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पहले पार्ट की तरह नहीं दिखा विक्रांत मैसी का दम

‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ के पहले पार्ट ‘हसीन दिलरुबा’ की कहानी विक्रांत मैसी और तापसी पन्नू के इर्द-गिर्द घूमती है. जहां विक्रांत को जैसे ही ये पता चलता है कि उसकी पत्नी रानी उसके कजिन ब्रदर नील (हर्षवर्धन राणे) से प्यार करने लगी है तो उसके तेवर बदल जाते हैं. एक सीधा-साधा बंदा अपनी पत्नी को मारने के लिए नई-नई चालें चलता है और गुस्सा उसकी आंखों और चेहरे पर साफ नजर आता है, लेकिन सीक्वल में विक्रांत के अभिनय का ये हिस्सा गायब सा नजर आया. सीक्वल में विक्रांत एक बेचारे की तरह एक्ट करते दिखे, जो दर्शकों को कुछ खास भाया नहीं. जबकि उनके मुकाबले लोगों को सन्नी कौशल का साइको किरदार ज्यादा पसंद आया.

सीक्वल में नहीं दिखीं ‘हसीन दिलरुबा’ की रंगीन रानी

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सीक्वल में नहीं दिखीं ‘हसीन दिलरुबा’ की रंगीन रानी

विक्रांत मैसी के किरदार की तरह ही ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ से तापसी पन्नू का 'रंगीन रानी' वाला अंदाज भी फिल्म के कहीं गायब सा दिखा. तापसी की अनचाही और सोच से परे धीमी एंट्री के बाद उनके किरदार से वो चमक गायब दिखी, जो 'हसीन दिलरुबा' में उमड़-उमड़ कर बाहर आ रही थी. ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ में उनके किरदार को देखने के बाद दर्शकों का यही मानना है कि सीक्वल में तापसी ने अपने रंगीन किरदार के साथ वो जस्टिस नहीं किया, जिसका दर्शकों को लंबे समय से इंतजार था. वो अपने शानदार अभिनय के लिए जानी जाती हैं, लेकिन रानी का कैरेक्टर फिल्म में खिला नहीं.  

सस्पेंस भरपूर, लेकिन रह गई रोमांस में कमी

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सस्पेंस भरपूर, लेकिन रह गई रोमांस में कमी

तापसी और विक्रांत की नई फिल्म ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ में सस्पेंस की भरपूर खुराक मिलेगी, जो जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है खुलता जाता है. दिनेश पंडित की किताब के मुताबिक, क्राइम करना और फिर उसी के आधार पर पुलिस का आरोपी की खोज करना, ये सब कुछ थोड़ा बेतुका सा लगा. फिल्म के पहले पार्ट ‘हसीन दिलरुबा’ में सस्पेंस के साथ-साथ रोमांस की कोई कमी नहीं थी, जबकि सीक्वल में सस्पेंस तो फुल ऑन नजर आ रहा है, लेकिन रोमांस दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है. रानी मोंटू चाचा यानी पुलिस से बचने के लिए अभिमन्यु से शादी कर लेती है, लेकिन वो अपने पति रिशु को भी छोड़ना नहीं चाहती. 

डायरेक्शन में दिखी कमी

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डायरेक्शन में दिखी कमी

इस फिल्म ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ को जयप्रद देसाई ने डायरेक्ट किया है, जिसका पहला पार्ट काफी प्रभावशाली है, लेकिन सीक्वल में काफी कमियां देखने को मिलती है, जिनकी दर्शकों को जरा भी उम्मीद नहीं थी. हालांकि, लोगों को फिल्म का क्लाइमैक्स पसंद आएगा. जहां फिल्म का पहला पार्ट काफी शानदार और ताजगी भरा था. वहीं इसका दूसरा पार्ट काफी गति धीमी से आगे बढ़ता है. ऐसे में अगर आप फिल्मों के शौकीन नहीं हैं और कभी-कभार कोई फिल्म देख लेते हैं तो ये फिल्म आपको ठीक-ठाक लग सकती है, लेकिन अगर आप फिल्में देखते हैं और इसका पहला पार्ट देखा है तो यकीन ये आपको पसंद नहीं आने वाली.

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