Who is Shiv Nadar: पैसा कमाने वालों में भले ही अंबानी-अडानी पहले-दूसरे पायदान पर है, लेकिन जब बात दान की आती है तो देश के ये दिग्गज उद्योगपति दिल्ली के एक कारोबारी से पिछड़ जाते हैं .
Hurun India Philanthropy List 2024: जब भी भारत के सबसे अमीर उद्योगपतियों के नाम की चर्चा होती है, अधिकांश लोगों के जहन में अंबानी-अडानी जैसे कारोबारियों का नाम आता है. पैसा कमाने वालों में भले ही ये पहले-दूसरे पायदान पर है, लेकिन जब बात दान की आती है तो देश के ये दिग्गज उद्योगपति दिल्ली के एक कारोबारी से पिछड़ जाते हैं . दानवीरों की लिस्ट में दिल्ली के इस बिजनेसमैन का नाम सबसे ऊपर है. साल 2024 के दानवीरों की लिस्ट Hurun India का ऐलान हो गया है. दानवीरों की नई लिस्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा दान करने वालों में नाडर फैमिली सबसे ऊपर है. शिव नादर फाउंडेशन ने वित्त वर्ष 2024 में 2,153 करोड़ रुपये दान किए
एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथरोपी लिस्ट 2024 की लिस्ट में सबसे ऊपर HCL के को-फाउंडर शिव नाडर का नाम है. देश के सबसे बड़े दानवीरों की लिस्ट में शिव नाडर का परिवार सबसे ऊपर है. इस साल उन्होंने 2153 करोड़ रुपये का दान किया है. यानी रोजाना 5.90 करोड़ रुपए उन्होंने डोनेट किया. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी और उनकी फैमिली है. उन्होंने वित्त वर्ष 2023-24 में 407 करोड़ रुपए का दान किया है. वहीं तीसरे नंबर पर बजाज फैमिली है, जिन्होंने 352 करोड़ रुपए का दान किया है. वहींल अडानी परिवार ने 330 करोड़ रुपये दान किए हैं. लगातार कई सालों से उन्होंने देश के सबसे बड़े दानवीर की कुर्सी पर कब्जा जमा रखा है.
नाडर परिवार का नाम दानवीरों की लिस्ट में अक्सर सबसे ऊपर आता है. देश में सबसे ज्यादा दाम करने वालों टॉप 10 लोगों ने कुल 4625 करोड़ रुपये दान किए. पढ़ाई-लिखाई से लेकर सोशल वर्क के लिए उद्योगपति दान करते हैं.
दानवीरों की लिस्ट में नंबर 1 की कुर्सी पर बैठे शिव नाडर ने साल 1976 में एक गैराज से अपनी कंपनी की शुरुआत की थी. एचसीएल जिसकी नींव एक गैराज में रखी गई और देश की दिग्गज आईटी कंपनी बन चुकी है. 14 जुलाई, 1945 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में जन्मे शिव नाडर ने आर्थिक परेशानियों का सामना करने के बावजूद कोयंबटूर के पीएसजी कॉलेज से इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर की डिग्री हासिल की. साल 1967 में पुणे के वालचंद ग्रुप के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से करियर की शुरुआत करने के बाद उन्होंने दिल्ली के डीसीएम ग्रुप के साथ एक कंप्यूटर प्रोग्रामर के तौर पर नौकरी की. कुछ साल नौकरी करने के बाद उन्हें महसूस हो गया कि वो इसके लिए नहीं बनें है, उन्होंने नौकरी छोड़कर साल 1976 में अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एचसीएल की स्थापना की. घर के गैराज से इसकी शुरुआत की गई.
हिंदुस्तान कंप्यूटर्स लिमिटेड यानी एचसीएल की शुरुआत करने वाले शिव नाडर ने दिन-रात लगकर जल्द ही अपनी कंपनी को ग्लोबल आईटी सर्विसेज कंपनी बना दी. दुनिया के 60 से भी ज्यादा देशों में मौजूद HCL में 2,22,000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं. साल 2020 में उन्होंने एचसीएल के चेयरमैन पद की कुर्सी छोड़ दी और जिम्मेदारी अपनी बेटी रोशनी नाडर मल्होत्रा को सौंप दी. अगर कमाई की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 में उनकी नेटवर्थ में 9.39 अरब डॉलर का इजाफा हुआ और यह 33.9 अरब डॉलर पहुंच गई.
ट्रेन्डिंग फोटोज़