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ईरान से भागी.. मोसाद के लिए की जासूसी, कौन है सनाज याशर जिन्होंने जुटाए 2 अरब रुपये

Sanaz Yashar: सनाज याशर पहले ईरान से भागीं इसके बाद मोसाद में भर्ती हुईं, फिर उन्होंने वहां की नौकरी भी छोड़ दी. इसके बाद फिर साइबर सिक्योरिटी स्टार्टअप शुरू किया और इसके लिए 30 मिलियन डॉलर जुटाकर चर्चा में आ गईं.

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Cyber Security Agency: साइबर सुरक्षा स्टार्टअप जाफरान की सीईओ सनाज याशर चर्चा में हैं. सनाज याशर की एक अनोखी पृष्ठभूमि है जो ईरानी संस्कृति से होते हुए इजराइली खुफिया एजेंसी तक पहुंचती है. इसके बाद वे स्टार्ट अप शुरू करती हैं. अब उन्होंने काफी पैसे जुटा लिए हैं.

 

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असल में याशर की यात्रा तेल अवीव विश्वविद्यालय से शुरू हुई, जहां उन्हें इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की एक समकक्ष यूनिट में भर्ती किया गया था. फारसी में उनकी प्रवीणता और ईरानी संस्कृति की समझ, उनके लिए वरदान साबित हुई. 

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मोसाद में 15 साल और निजी क्षेत्र में 7 साल के बाद, याशर ने 2022 के अंत में जाफरान की स्थापना कर दी. जाफरान एक साइबर सिक्योरिटी एजेंसी है. जो कई महत्वपूर्ण चुनौती से निपटने का काम करती है. 

 

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उन्होंने बताया कि जाफरान का विचार तब सामने आया जब वे एक अस्पताल में साइबर हमले की जांच कर रही थीं. उन्हें और उनके साथियों ने पाया कि अस्पताल के पास हमले को रोकने के लिए उपकरण थे लेकिन उपयोग का अभाव था.

 

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इसके बाद उन्होंने इस कंपनी को बनाने का विचार बनाया. जाफरान बनाने से पहले उन्होंने कई प्रमुख निवेशकों से 30 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल कर ली. फिलहाल जाफरान वर्तमान में हाइपर-ग्रोथ पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, याशर ने पुष्टि की है कि उनके पास पहले से ही ग्राहक हैं

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