पूर्व एमएलसी राजेश राम का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष की रेस में मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) के बाद उनका नाम आगे आया था, लेकिन कांग्रेस का कल्चर दलित विरोधी है और इसलिए उन्हें अध्यक्ष नहीं बनाया गया.
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Patna: बिहार में जातीय जनगणना पर सियासत जारी है. इस बीच खबर है कि प्रदेश के पूर्व कांग्रेस एमएलसी राजेश राम (MLC Rajesh Ram) ने जेडीयू का दामन थाम लिया है. कांग्रेस कोटे से विधान परिषद सदस्य के तौर पर चुने गए राजेश को अब कांग्रेस में सौ खामियां दिख रही है.
जदयू में शामिल होते समय पूर्व एमएलसी ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में दलितों के साथ न्याय नहीं होता है. उनका कहना है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा का कार्यकाल 2020 में खत्म हो रहा था, लेकिन इसके बाद भी वह पद पर बने रहे.
राजेश का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष की रेस में मदन मोहन झा (Madan Mohan Jha) के बाद उनका नाम आगे आया था, लेकिन कांग्रेस का कल्चर दलित विरोधी है और इसलिए उन्हें अध्यक्ष ना बनाकर मदन मोहन झा के कार्यकाल को ही आगे बढ़ा दिया गया.
इसके अलावा, राजेश राम ने कहा है कि जदयू से मेरा पुराना नाता है और मैं इसी परिवार का हिस्सा हूं. 2005 के चुनाव में मेरा सीट महागठबंधन कोटे में जाने की वजह से सीएम नीतीश कुमार ने मुझे कांग्रेस में जाने का आदेश दिया था. राम ने आगे कहा कि कांग्रेस में उन्हें काफी घुटन महसूस हो रहा था. लिहाजा कांग्रेस छोड़कर फिर वह जदयू में शामिल हो गए हैं.