Akshaya Tritiya 2023: अक्षय तृतीया पर होंगी हर मनोकामना पूरी, बस इन चीजों का करें दान
Advertisement
trendingNow11614268

Akshaya Tritiya 2023: अक्षय तृतीया पर होंगी हर मनोकामना पूरी, बस इन चीजों का करें दान

Akshaya Tritiya: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का काफी अधिक महत्व है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन शुरू किए गए कार्य अवश्य सफल होते हैं. ऐसे में लोग हर तरह के मांगलिक कार्यों से लेकर विभिन्न तरह के वस्तुओं की खरीदारी के लिए इस दिन का चुनते हैं. इस दिन दान, जप, तप, हवन आदि करने से शुभ और अनंत फल मिलता है.

अक्षय तृतीया

Akshaya Tritiya Significance: बैशाख शुक्ल तृतीया यानी 23 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीया का पर्व पूरे भारत में अलग-अलग तरह से मनाया जाएगा. यह बसंत और ग्रीष्म ऋतु के संधिकाल का महोत्सव है. इस पर्व महत्व इसलिए अधिक है, क्योंकि इस दिन किए गए कर्मों का फल अक्षय हो जाता है. इस महत्वपूर्ण पर्व के साथ की परम्पराएं भी जुड़ी हुई हैं. 

बुंदेलखंड में यह व्रत अक्षय तृतीया से प्रारंभ होकर पूर्णिमा तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस अवसर पर क्वांरी कन्याएं अपने भाई, पिता, बाबा तथा गांव-घर और कुटुंब के लोगों को शगुन बांटती हैं और गीत गाती हैं, जिसमें एक दिन पीहर न जा पाने की कचोट व्यक्त होती है. इसी तरह अक्षय तृतीया के दिन ही राजस्थान में वर्षा के लिए शगुन निकाल कर वर्षा की कामना की जाती है. लड़कियां झुंड बनाकर घर-घर जाती हैं और शगुन गीत गाती हैं. लड़के पतंग उड़ाते हैं. ‘सतनजा' (सात अनाज) से पूजा की जाती है. मालवा में नए घड़े के ऊपर खरबूजा और आम्रपत्र रखकर पूजा होती है. 

किसानों के लिए भी यह बहुत ही शुभ दिन माना जाता है. ऐसा विश्वास है कि  इस दिन कृषि कार्य का प्रारंभ करने पर वह शुभ और समृद्धि देता है. 

इस तरह मनाएं त्योहार 

अक्षय तृतीया के दिन प्रातः जल्दी जागकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद  दान, जप, तप, हवन आदि कर्मों को करने से शुभ और अनंत फल प्राप्त होता है.  

"स्नात्वा हुत्वा च दत्त्वा च जप्त्वानन्तफलं लभेत् ।' 

इस पर्व में जल से भरे कलश, पंखे, चरण पादुकाएं (खड़ाऊं),  जूता, छाता, गौ, भूमि, स्वर्णपात्र आदि का दान पुण्यकारी माना गया है. इस प्रकार से दान के पीछे लोक विश्वास है कि इस दिन जिन वस्तुओं का दान किया जाएगा, वे सभी वस्तुएं स्वर्ग में गर्मी की ऋतु में प्राप्त होंगी. इस व्रत में घड़ा, कुल्हड़, सकोरा आदि रखकर पूजा की जाती है. 
अपनी निःशुल्क कुंडली पाने के लिए यहाँ तुरंत क्लिक करें

Trending news