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नई दिल्ली: जब बात देवी मंदिरों की आती है तो भारत में मां दुर्गा के सैंकड़ों मंदिर हैं (Goddess Durga Temples). भारतभर में केवल 51 शक्तिपीठ (51 shaktipeeth) हैं और ऐसी मान्यता है कि इन जगहों पर देवी सती (Goddess Sati) के शरीर का कोई न कोई अंग गिरा था जिस वजह से उन जगहों पर मंदिर बना और उन्हें शक्तिपीठ कहा जाने लगा. चैत्र नवरात्रि के अवसर पर आज बात माता रानी के एक ऐसे ही अनोखे मंदिर की जहां गर्भगृह में कोई मूर्ति नहीं है, फिर भी पुजारी आंखों पर पट्टी बांधकर करते हैं पूजा. आखिर क्या है, इसका कारण जानें.
हम बात कर रहे हैं गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित अंबा धाम या अंबा जी मंदिर (Ambaji mandir) की जो भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है. यह मंदिर अहमदाबाद से 18 किलोमीटर दूर है. इस मंदिर को लेकर भक्तों की अपार श्रद्धा. ऐसी मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का मुंडन संस्कार (Shri krishna mundan) इसी मंदिर में हुआ था. इसके अलावा जब भगवान राम और लक्ष्मण मां सीता की खोज करते हुए यहां से गुजरे तो रावण को मारने के लिए माता ने श्रीराम (Lord Ram) को एक दिव्य बाण दिया था. देवी मां का यह मंदिर देश के 51 शक्तिपीठों में शामिल है और ऐसा माना जाता है कि इसी जगह पर मां सती का हृदय गिरा था.
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इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत या यूं कहें कि सबसे बड़ा रहस्य ये है कि इस मंदिर के गर्भगृह में मां अंबा की कोई मूर्ति नहीं बल्कि अंबा यंत्र की पूजा की जाती है (No idol in the temple). अंबा देवी के इस यंत्र को अब तक गुप्त रखा गया है और इसे देखना निषेध है. यही कारण है कि मंदिर के पुजारी भी आंखों पर पट्टी बांधकर यहां पूजा करते हैं. नवरात्रि के दौरान अंबा जी के इस मंदिर में अच्छी खासी भीड़ रहती है. मान्यता है कि इस मंदिर में भक्त गरबा करके माता से अपनी मनोकामना कहते हैं.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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