मेले में हरियाणा (Haryana) से ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालु (devotee) पहुंचे और माता कुलदेवी की आराधना की. इस दौरान कुलदेवी माता लक्ष्मी (Goddess Laxmi) की आराधना कर 56 भोग भी लगाए गए.
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हिसार: शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) के मौके पर हर वर्ष की तरह रविवार को भी अग्रोहा धाम (Agroha Dham) में वार्षिक मेले (Annual fair) का आयोजन किया गया. मेले में हरियाणा (Haryana) से ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालु (devotee) पहुंचे और माता कुलदेवी की आराधना की. इस दौरान कुलदेवी माता लक्ष्मी (Goddess Laxmi) की आराधना कर 56 भोग भी लगाए गए. इसके अलावा अग्रोहा विकास ट्रस्ट की महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष कुसुम रावलवासिया ने ध्वजारोहण किया. इसके साथ ही महिला श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा भी निकाली. अग्रोहा विकास ट्रस्ट की महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष कुसुम रावलवासिया ने बताया कि प्राचीन काल में महाराजा अग्रसेन (Maharaja Agrasen) की राजधानी रही अग्रोहा (Agroha) में शरद पूर्णिमा के मौके पर हर साल वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है. इस दौरान कुलदेवी माता लक्ष्मी की आराधना करने के लिए दूरदराज इलाकों से वैश्य समाज (Vaishya Samaj) से जुड़े लोग पहुंचते हैं. समाजसेवी कुसुम रावलवासिया ने कहा कि राज्यसभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा (Rajya Sabha MP Dr. Subhash Chandra) के प्रयासों से अग्रोहा धाम आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. वो भी इस कार्यक्रम में हर बार पहुंचते हैं लेकिन इस बार किन्हीं कारणों के चलते वह नहीं आ पाए मगर दिवाली (Diwali) और धनतेरस (Dhanteras) के मौके पर जरूर वह अग्रोहा धाम आएंगे.
महिला समिति ने बैठक कर बनाई रणनीति
मेले (fair) में अग्रोहा विकास ट्रस्ट की महिला समिति की देश के अलग-अलग राज्यों से सदस्यों ने भी शिरकत करने पहुंची इस बीच उन्होंने विशेष बैठक भी महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष कुसुम रावलवासिया की मौजूदगी में आयोजित की गई. अग्रोहा विकास ट्रस्ट महिला समिति की हरियाणा पंजाब प्रेजिडेंट रमी गुप्ता ने बताया कि बैठक में महाराजा अग्रसेन (Maharaja Agrasen) की नीतियों को समाज में प्रसारित करने का और समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए अभियान (campaign) चलाने का भी प्रण लिया गया.
समाजवाद (Socialism) की स्थापना के लिए प्रसिद्ध- महाराजा अग्रसेन (Maharaja Agrasen) की राजधानी रही अग्रोहा (Agroha) की प्राचीनता की अगर बात की जाए तो करीबन 50 साल से हर बार यहां पर इस तरह का भव्य आयोजन किया जाता है. अग्रोहा विकास ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेश कुमार गुप्ता ने कहा कि महाराजा अग्रसेन को समाजवाद का एक प्रतीक कहा जाता है क्योंकि उन्होंने ही एक रुपया एक ईंट की परम्परा अपने राज्य में शुरू की थी. महाराजा अग्रसेन (Maharaja Agrasen) के राज्य में कोई भी नया व्यक्ति आता तो उसे हर घर से 1 रुपया और 1 ईंट दी जाती थी, ताकि इकट्ठे हुए रुपए से वह अपना व्यापार इत्यादि स्थापित कर सके और ईंटों से वह अपने घर का निर्माण कर सकें. वहीं अग्रोहा विकास ट्रस्ट के मुख्य संरक्षक एवं गौभगत नंद किशोर गोयनका (Nand Kishore Goenka) ने भी महाराजा अग्रसेन (Maharaja Agrasen) की नीतियों का जिक्र करते हुए उन्हें समाजवाद का संस्थापक बताया. नंद किशोर गोयनका (Nand Kishore Goenka) ने कहा कि धीरे-धीरे अग्रोहा धाम का विस्तार शुरू हुआ और आज यह एक बड़े रूप में हम सबके सामने है. उन्होंने अग्रोहा धाम में स्थापित तमाम मंदिरों का भी जिक्र किया और कहा कि यहां जो सच्चे दिल से कुलदेवी मां लक्ष्मी (Goddess Laxmi) की आराधना करता है उसकी मनोकामना पूरी होती है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि धाम के नजदीक किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए मंडी (Mandi) बनवाने के प्रयास जारी हैं.
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पूरे देश मे समाजहित के कार्यों को मिलेगी गति
अग्रोहा विकास ट्रस्ट जल्द ही अब पूरे देश में भी अलग-अलग राज्यों में समाज हित के कार्य को तेज गति देगा. अग्रोहा विकास ट्रस्ट के राष्ट्रीय कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग का कहना है कि दिल्ली और मुंबई में समाज के हर वर्ग के उत्थान के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं वहां पर महाराजा अग्रसेन (Maharaja Agrasen) के नाम पर भव्य भवन भी बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि राज्यसभा सांसद डॉ सुभाष चंद्रा (Rajya Sabha MP Dr. Subhash Chandra) के निर्देशानुसार अग्रोहा धाम में विशेष निर्माण कार्य भी चल रहे हैं. ताकि इसे विश्व स्तर पर पर्यटन स्थल बनाया जा सके. इसके अलावा अग्रोहा धाम के नज़दीक बने टीले की भी जल्द खुदाई होगी ताकि महाराजा अग्रसेन (Maharaja Agrasen) के कार्यकाल के दौरान के इतिहास से देश रूबरू हो सके.
पर्यटन केंद्र घोषित करने और रेल लाइन की मांग
अग्रोहा विकास ट्रस्ट के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग ने धाम को केंद्र सरकार द्वारा पर्यटन केंद्र घोषित किए जाने की भी मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्य समाज देशभर के अलग-अलग इलाकों से महाराजा अग्रसेन और माता कुलदेवी लक्ष्मी (Goddess Laxmi) के दर्शन करने के लिए अग्रोहा (Agroha) पहुंचता है. ऐसे में पुरानी घोषणाओं को अमलीजामा पहनाते हुए भारत सरकार के रेल मंत्रालय को जल्द यहां से रेल सेवा शुरू करनी चाहिए. कुल मिलाकर अग्रोहा धाम में पूरी तरह से रौनक छाई हुई है. उम्मीद करते हैं कि हर बार की तरह यहां इस बार भी पहुंचने वाले लोगों की मनोकामना कुलदेवी मां लक्ष्मी और महाराजा अग्रसेन (Maharaja Agrasen) के आशीर्वाद से जरूर पूरी होगी.