Kharab Guru ke Lakshan: शुभ माने जाने वाले ग्रह गुरु यदि बिगड़ जाएं तो इसका बुरा असर जीवन के कई पहलुओं में उठाना पड़ता है. जानिए खराब राहु के लक्षण और बचाव के उपाय.
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Kharab Guru ke Upay: ज्योतिष में गुरु ग्रह को ज्ञान, धर्म और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. यदि गुरु अशुभ हो तो जीवन में कई कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती हैं. हालांकि, कुंडली न देखते हुए भी कुछ शारीरिक, मानसिक, और व्यवहारिक लक्षणों के आधार पर यह जाना जा सकता है कि गुरु अशुभ है. ज्योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी से जानिए खराब गुरु के लक्षण और उसके दुष्प्रभावों से बचने के उपाय.
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कैसे जानें कि खराब है गुरु?
धन को लेकर चिंता : यदि आप पर्याप्त कमाई के बावजूद धन का संचय नहीं कर पा रहे हैं या लगातार आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो यह अशुभ गुरु का संकेत हो सकता है. गुरु की कमजोर स्थिति व्यक्ति को आर्थिक रूप से अस्थिर बनाती है, जिससे धन के आगमन में रुकावट आती हैं.
शारीरिक समस्याएं: गुरु का प्रभाव शरीर के पाचन और श्वसन तंत्र पर देखा जा सकता है. गैस, अपच,पेट दर्द, कंधे और पीठ में दर्द के अलावा थायराइड होने की भी आशंका अधिक रहती है. बालों का जल्दी झड़ना जैसे लक्षणों भी दिखाई दे सकते हैं.
धार्मिक और आध्यात्मिक झुकाव की कमी: यदि आप पूजा-पाठ और धार्मिक कार्यों में रुचि नहीं रखते और दया की कमी महसूस करते हैं, तो यह गुरु के अशुभ होने का संकेत है. गुरु के प्रभाव से व्यक्ति का धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन समृद्ध होता है, लेकिन गुरु की कमजोरी व्यक्ति को नास्तिकता की ओर ले जाती है. यदि व्यक्ति कर्म छोड़कर तांत्रिक पूजा पाठ ज्यादा करने लगता है, तो यह भी गुरु के अशुभ होने का संकेत है.
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शिक्षा और ज्ञान की कमी: गुरु बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक होता है. यदि आपके लिए सही और गलत के बीच फर्क करना कठिन हो रहा है, आपकी शिक्षा अधूरी रह गई है या आपकी वाणी कमजोर हो रही है, तो यह भी गुरु के कमजोर होने का संकेत हो सकता है.
बुजुर्गों की सेवा न करना: गुरु का संबंध सम्मान और आदर से जुड़ा है. यदि कोई व्यक्ति बुजुर्गों की सेवा नहीं करता या उनका अपमान करता है, तो इसका सीधा प्रभाव गुरु पर पड़ता है.
शराब का सेवन: शराब का सेवन गुरु की ऊर्जा को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है. जैसे-जैसे व्यक्ति का शराब पीना बढ़ता है, वैसे-वैसे उसका गुरु और अधिक अशुभ होता जाता है.
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कैसे करें गुरु को ठीक
गुरु के शुभ प्रभाव के लिए गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करें.
पीले वस्त्र धारण करें और केले, चने की दाल जैसे पीले पदार्थों का दान करें.
गुरु के शुभ प्रभाव को बढ़ाने के लिए साधु-संतों, बुजुर्गों और ब्राह्मणों का सम्मान करें.
गौ-सेवा और ब्राह्मणों की सेवा करने से भी गुरु की अशुभता दूर होती है.
बुजुर्गों की सेवा और शराब से दूर रहना, गुरु के अशुभ प्रभाव को कम करने के महत्वपूर्ण उपायों में से हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)