Disha Shool Kya hota hai: किसी भी कार्य के लिए जब व्यक्ति यात्रा करता है, तो उसकी सफलता की कामना को लेकर ही निकलता है. यदि किसी गंतव्य तक जाने के बाद भी काम न बने तो निराशा मिलती है. इसलिए यात्रा के समय दिशा शूल की जानकारी की जाती है.
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Disha Shool: ज्योतिष शास्त्र में दिशा शूल शब्द का बहुता इस्तेमाल किया जाता है और हिदायत दी जाती है, कि दिशा शूल में यात्रा न करें तो अच्छा रहता है. किसी भी कार्य के लिए जब व्यक्ति यात्रा करता है, तो उसकी सफलता की कामना को लेकर ही निकलता है. यदि किसी गंतव्य तक जाने के बाद भी काम न बने तो निराशा मिलती है. इसलिए यात्रा के समय दिशा शूल की जानकारी की जाती है.
दिशा शूल का अर्थ
दिशा शूल दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें दिशा का अर्थ तो स्पष्ट ही है कि जिस दिशा की ओर यात्रा करनी हो और शूल का तात्पर्य बाधा यानी कुछ मुहूर्त और समय ऐसे होते हैं जिनमें उस विशेष दिशा में यात्रा करने पर बाधाओं को सामना करना पड़ता है.
किस दिशा में यात्रा करने से लगता है दिशा शूल
1. सोमवार और शनिवार को पूर्व दिशा की ओर यात्रा करने पर दिशा शूल लगता है अर्थात घर से पूर्व दिशा की ओर यात्रा करने पर सोमवार और शनिवार के दिन अवाइड करना चाहिए.
2. इसी तरह रविवार और शुक्रवार के दिन पश्चिम दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं माना जाता है, ऐसा मानना है कि आप जिस प्रयोजन से यात्रा करते हैं, उन कार्यों के पूरा होने में संदेह रहता है.
3. मंगलवार और बुधवार को उत्तर दिशा और गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा करना उचित नहीं रहता है.
दिशा शूल से बचने के उपाय
इसके बाद भी कई बार ऐसी स्थितियां बन जाती है, जिसे हम चाह के भी टाल नहीं पाते है और यात्रा करनी पड़ जाती है. ऐसी अपरिहार्य स्थिति आने पर यदि दिशा शूल के दिन जाना ही पड़ जाए तो कुछ उपाय करके ही निकलना चाहिए. दिशा शूल में निकलने से एक दिन पहले जो लगेज या सामान आपको ले जाना है वह सब घर से निकाल कर कहीं और रखवा दें, और यदि कोई जगह न समझ आए तो गाड़ी की डिग्गी में रखकर गाड़ी को पार्किंग में भी खड़ी कर सकते हैं.