Amarnath Yatra: बाबा बर्फानी की पहली तस्‍वीर आई सामने, जानें अमरनाथ यात्रा की तारीख समेत सारी डिटेल्‍स
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Amarnath Yatra: बाबा बर्फानी की पहली तस्‍वीर आई सामने, जानें अमरनाथ यात्रा की तारीख समेत सारी डिटेल्‍स

Amarnath Cave First Picture: साल 2024 की बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर सामने आ गई है. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बाबा बर्फानी माता पार्वती और पुत्र गणेश के साथ अपने पूरे आकार में नजर आ रहे हैं.

Amarnath Yatra: बाबा बर्फानी की पहली तस्‍वीर आई सामने, जानें अमरनाथ यात्रा की तारीख समेत सारी डिटेल्‍स

Him Shivling Photo: इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है लेकिन आज हम आपको यात्रा शुरू होने से पहले ही बाबा बर्फानी के दर्शन करा रहे हैं. दरअसल, बाबा बर्फानी की साल 2024 की यह पहली तस्वीर और वीडियो सामने आया है. कुछ शिव भक्तों ने करीब 5 दिन पहले गुफा पर जाकर बाबा बर्फानी के दर्शन किए और साथ में यह तस्वीर भी लेकर आए. अमरनाथ गुफा के दोनों रास्तों पर अभी भी कम से कम 5 से 7 फीट की बर्फ है. 

 

नहीं हो पाया हवाई सर्वे 

खराब मौसम और अमरनाथ यात्रा के दोनों रास्तों पर मौजूद भीषण बर्फ को देखकर अभी तक श्राइन बोर्ड का कोई भी अधिकारी गुफा पर नहीं पहुंच पाया है और ना ही अब तक कोई हवाई सर्वे हो पाया है.

अब तक डेढ़ लाख रजिस्‍ट्रेशन 

इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है और 19 अगस्‍त रक्षाबंधन तक चलेगी. करीब 50 दिन तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक करीब डेढ़ लाख से अधिक शिव भक्तों ने यात्रा के लिए पंजीकरण करा लिया है. अमरनाथ यात्रा के लिए 15 अप्रैल से रजिस्‍ट्रेशन शुरू हो चुका है. जो भी श्रद्धालु इस यात्रा पर जाना चाहते हैं वो आधिकारिक वेबसाइट https://jksasb.nic.in पर पंजीकरण करा सकते हैं.

साल में एक बार होने वाली अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से होती है. पहला रास्‍ता, अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग से और दूसरा रास्‍ता, गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर छोटा और संकरा बालटाल मार्ग का है. यात्रा का आयोजन जम्मू-कश्मीर सरकार और श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के संयुक्त सहयोग से किया जाता है.

पानी की बूंदों से बनता है हिम शिवलिंग

पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी पवित्र गुफा में भगवान शिव ने देवी पार्वती को जीवन और अनंत काल का रहस्‍य सुनाया था. साथ ही इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना गया है. हर साल यहां निश्चित जगह पर गिरते पानी की बूंदों से शिवलिंग बनता है. जिसके दर्शन करने के लिए श्रद्धालु कई किलोमीटर की कठिन यात्रा करके बाबा बर्फानी तक पहुंचते हैं. 

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