Premanand Maharaj: भंडारे में खाना चाहिए या नहीं.. प्रेमानंद महाराज का जवाब आपको कर देगा हैरान
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Premanand Maharaj: भंडारे में खाना चाहिए या नहीं.. प्रेमानंद महाराज का जवाब आपको कर देगा हैरान

Bhandare Ka Khana: क्या आपने कभी सोचा है कि भंडारे का खाना, खाना चाहिए या नहीं? आइये आपको बताते हैं कथा वाचक प्रेमानंद महाराज ने इस सवाल का क्या जवाब दिया है..

Premanand Maharaj: भंडारे में खाना चाहिए या नहीं.. प्रेमानंद महाराज का जवाब आपको कर देगा हैरान

Bhandare Ka Khana: किसी भी त्योहार के अवसर पर आपने यह जरूर देखा होगा कि लोग भंडारे में प्रसाद का वितरण करते हैं. इस प्रसाद में खाने की अलग चीजें हो सकती हैं. ज्यादातर भंडारों में पूड़ी सब्जी और हलवे का वितरण किया जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि भंडारे का खाना, खाना चाहिए या नहीं? आइये आपको बताते हैं कथा वाचक प्रेमानंद महाराज ने इस सवाल का क्या जवाब दिया है..

मुफ्त में कोई भी चीज नहीं खानी चाहिए..

सावन का महीना हो या फिर नवरात्र के दिन.. भंडारे आपको राह चलते दिख ही जाएंगे. लोग भंडारे में लाइन लगाकर खाना भी खाते हैं. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि मुफ्त में कोई भी चीज नहीं खानी चाहिए, इससे पुण्य क्षीण होता है.

पुण्य क्षीण होता है..

उन्होंने कहा कि भंडारे में अकसर देखने को मिलता है कि लोग प्रसाद के नाम पर खाने में रूचि दिखाते हैं. जो लोग गरीब और साधु संत भी नहीं होते.. वे भी भंडारे में मिल रहा खाना खा लेते हैं. प्रेमानंद महाराज के मुताबिक ऐसा करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसा कई बार देखने को मिल जाता है कि लोग शिविर लगाकर गरीबों और साधु-संतों को भोजन कराते हैं.

घर जाकर नमक-रोटी खा लीजिए..

कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो गरीब और साधु-संत नहीं होते.. वे भी इन शिविरों में खाना खा लेते हैं. प्रेमानंद महाराज ने इस आदत को खतरनाक बताया. उन्होंने कहा कि अगर आप भूखे हैं तो घर जाकर नमक-रोटी खा लीजिए. उपवास रहकर परिक्रमा कर लीजिए. लेकिन मुफ्त खाना कभी न खाएं, इससे पुण्य की हानि होती है.

मुफ्त में कोई भी चीज नहीं खानी चाहिए

प्रेमानंदर महाराज ने कहा कि आप साधु नहीं हैं.. संत नहीं हैं.. और भंडारे का आयोजन करने वाले तो आपको खाने के लिए बुलाएंगे ही. लेकिन आप उनका दिल दुखाए बिना प्रणाम कहकर वहां से निकल जाइये. आपको यह सोचना चाहिए कि हम भी पैसा कमाएं और लोगों को हलवा बांटें.. खाने की जरूत नहीं है.

..तभी आपको पुण्य प्राप्त होगा

प्रेमानंद महाराज ने यह भी कहा कि अगर आप गृहस्थ हैं और किसी आश्रम में जा रहे हैं तो वहां भोजन करने के बाद कुछ रुपया जरूर दे दें. उन्होंने कहा कि मुफ्त में भोजन कभी नहीं करना चाहिए.. मुफ्त में कोई सेवा नहीं लेनी चाहिए. तभी आपको पुण्य प्राप्त होगा.

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