Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ से विशेष लाभ प्राप्त होता है. ऐसे में दुर्गा सप्तशती के पाठ में नियम और विधि-विधान का ध्यान रखना आवश्यक माना गया है.
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Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि आरंभ होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं. नवरात्रि के दौरान लगातार 9 दिनों तक शक्ति की उपासना की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की उपासना से दैहिक, दैविक और भौतिक ताप दूर हो जाते हैं. साथ विशेष फल की प्राप्ति होती है. नवरात्रि की अवधि में बहुत से लोग दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं. इसका पाठ अत्यंत शुभ माना जाता है. दुर्गा सप्तशती में माता की स्तुति के लिए 13 अध्यायों में 700 मंत्रों का उल्लेख है. जिसे मार्कण्डेय पुराण से लिया गया है. दुर्गा सप्तशती के पाठ से कई तरह की परेशानियों का अंत होता है. इसके अलावा घरेलु विवाद और आर्थिक परेशानियों से भी छुटकारा मिलता है. ऐसे में जानते हैं कि नावरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती पाठ के आवश्यक नियम.
-हाथ में पुस्तक लेकर पाठ करना अधिक उपयुक्त नहीं माना गया है. दरअसल हाथ दुर्गा सप्तशती की पुस्तक हाथ में लेकर पाठ करने से आधा फल ही मिलता है. ऐसे में पुस्तक को व्यासपीठ या लाल कपड़े के ऊपर रखकर ही पाठ करना चाहिए.
-दुर्गा सप्तशती पाठ के बीच में नहीं उठना चाहिए. इसके अलावा पाठ के बीच में रुकना अशुभ माना गया है. संपूर्ण पाठ करते हैं तो चतुर्थ अध्याय पूरा होने के बाद विराम ले सकते हैं.
-दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि पाठ की गति ना तो बहुत अधिक तेज होनी चाहिए और ना ही बहुत धीमी होनी चाहिए. इसके अलावा पाठ करते समय शब्दों का उच्चारण स्पष्ट और सुमधुर होना चाहिए.
-दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले आसन पर बैठते समय पहले शुद्धिकरण करें, उसके बाद ही पाठ आरंभ करें. आसन कुश या लाल रंग के कंबल का होना अच्छा माना गया है.
-दुर्गा सप्तशती का पाठ आरंभ करने से पहले पुस्तक को नमस्कार कर ध्यान करें. इसके बाद माता का ध्यान करके पाठ आरंभ करें.
-अगर एक दिन में संपूर्ण पाठ करना संभव न हो तो पहले दिन सिर्फ मध्यम चरित्र का पाठ करें. इसके बाद अगले दिन बचे हुए 2 चरित्र का पाठ करें. दुर्गा सप्तशती पाठ के लिए दूसरा विकल्प ये है कि एक, दो, एक चार, दो एक और दो अध्यायों को क्रम से 7 दिन में पूरा करें.
-चैत्र नवरात्रि तिथि- शनिवार, 2 अप्रैल, 2022
-कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 22 मिनट से लेकर 8 बजकर 31 मिनट तक.
-शुभ मुहूर्त की कुल अवधि- 2 घंटे 9 मिनट
-घट स्थापना के लिए अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 8 मिनट से लेकर 12 बजकर 57 मिनट तक
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)