Trending Photos
नई दिल्ली: कौटिल्य के नाम से मशहूर आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने राजनीति, कूटनीति और अर्थशास्त्र को लेकर जो नीतियां बताई हैं, वे आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी मौर्य शासन के समय थीं. उन्होंने सफल और सुखी जीवन जीने के कई अहम नियम बताए हैं. साथ ही उन नतीजों के बारे में भी बताया है जो बुरी आदतों या बुरे कर्मों के कारण इंसान को भुगतने पड़ते हैं. लेकिन आज हम चाणक्य नीति (Chanakya Niti) की उन बातों के बारे में जानते हैं जो बताती हैं कि कई बार इंसान को दूसरों के पापों की भी सजा भुगतनी पड़ती है.
भले ही व्यक्ति कितना भी एकांगी जीवन बिताए लेकिन कुछ लोगों से तो वह जुड़ा ही रहता है क्योंकि बिना समाज के रहना लगभग असंभव है. हालांकि लोगों से यही जुड़ाव कई बार व्यक्ति के लिए समस्या का कारण भी बनता है. चाणक्य नीति में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है जिनके पापों की सजा दूसरे इंसान को भुगतनी पड़ती है.
- जीवनसाथियों को एक-दूसरे की गलतियों की सजा भुगतनी ही पड़ती है. क्योंकि उनके काम एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं. इसलिए जीवनसाथी का चुनाव बहुत सोच-समझकर करना चाहिए.
यह भी पढ़ें: Tuesday Tips: कहीं आप भी तो नहीं करते मंगलवार को ये काम, सतर्क हो जाएं वरना होगा बड़ा नुकसान
- चाणक्य नीति कहती है कि राजा के गलत फैसलों का फल जनता को भुगतना पड़ता है, वहीं देश के लोगों की गलती का फल राजा को भुगतना पड़ता है. यदि राजा के सलाहकार उन्हें सही सलाह न दें तो उन्हें समय आने पर अपनी गलती का बड़ा हर्जाना भुगतना पड़ता है.
- शिक्षक और विद्यार्थी का रिश्ता बहुत अहम होता है लेकिन यहां शिष्य द्वारा की गई गलती का खामियाजा गुरु को भुगतना पड़ता है. क्योंकि गुरु ही शिष्य को रास्ता दिखाता है ऐसे में शिष्य अच्छा-बुरा जो भी काम करे उसके लिए गुरु को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)