Daan ka Mahatav: दान देने की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. धर्म शास्त्रों में दान के महत्व को लेकर कहा गया है कि व्यक्ति को अपने सामर्थ्य और मेहनत की कमाई का दसवां हिस्सा दान करना चाहिए.
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Daan ke Niyam: दान देने की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. धर्म शास्त्रों में दान के महत्व को लेकर कहा गया है कि व्यक्ति को अपने सामर्थ्य और मेहनत की कमाई का दसवां हिस्सा दान करना चाहिए. दान करने से व्यक्ति के बुरे कर्मों का नाश होता है और पुण्य कर्मों के खाते में वृद्धि होती है. इतना ही नहीं दान करने से पिछले जन्म के पाप भी कम होते हैं. शास्त्रों की मानें तो दान करने से पुण्य फल सिर्फ दान करने वाले इंसान को ही नहीं बल्कि उसके परिवार और बच्चों तक को मिलता है.
दान करने के नियम
जरूरतमंद लोगों को दान करें लेकिन दान देने से पहले इससे संबंधित नियमों को जरूर जान लें. शास्त्रों में कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है, जिन्हें दान में देना शुभ नहीं होता है. इन चीजों का दान करने या देने से आप कंगाल भी हो सकते हैं, यह जानना जरूरी है कि किन चीजों का दान नहीं करना है.
धारदार चीजों का न करें दान
कभी भी धारदार चीज दान में नहीं देनी चाहिए. किसी के मांगने पर भी इन चीजों को दान में न दें इनमें कैंची, चाकू, तलवार आदि शामिल है. इन चीजों का दान आपके जीवन में भूचाल मचा सकता है. इससे जीवन में अशांति आती है और परिवार में क्लेश व नकारात्मकता बढ़ती है. यदि व्यापार करते हैं तो उसमें नुकसान होता है.
घड़ी का लेन-देन
कई बार लोग घड़ी का आदान-प्रदान भी करते हैं लेकिन याद रहे कि ऐसा करना आपकी मुश्किलें बढ़ा सकता है. कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति को अपनी घड़ी नहीं पहनानी चाहिए क्योंकि घड़ी को व्यक्ति के जीवन के अच्छे और बुरे समय से जोड़कर देखा जाता है. ऐसे में किसी और की घड़ी को अपनी कलाई पर बांधने से आपके जीवन में आर्थिक समस्या के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी आ सकती हैं.
जूठा खाना
जूठा और बासी भोजन नहीं देना चाहिए, ऐसा करने से आपके परिवार के सदस्य का स्वास्थ्य खराब हो सकता है. जानबूझकर किसी को बासी या खराब भोजन खिलाने से आपके घर में दरिद्रता आ सकती है. बासी भोजन का दान घर में बीमारी के रूप में लौट कर आता है और दान कर्ता के जीवन में भूचाल मचा देता है.