Griha Pravesh ka Muhurat: गृह प्रवेश अगर गलत मुहूर्त में किया गया है तो पूरा परिवार परेशान रहता है. गृह प्रवेश बहुत महत्वपूर्ण होता है. आज हम लोग जानेंगे कि गृह प्रवेश कब करना चाहिए.
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Muhurat for Griha Pravesh: किसी भी भवन, फ्लैट या मकान को बनाने के लिए भूमि पूजन से लेकर ढांचा तैयार होने तक महीनों लग जाते हैं, फिर शुरू होता है प्लास्टर, पेंटिंग और इंटीरियर का काम. यह कार्य भी एक दिन, एक हफ्ता या फिर एक महीने में पूरा नहीं हो पाता है, बल्कि इस काम को भी पूरा करने में महीनों का समय लग जाता है. इस पूरे समय को भवन निर्माता बहुत ही धैर्य के साथ पूरा करता है, क्योंकि उसके मन में एक ही भाव रहता है, मकान भरपूर मजबूत बने जो किसी भी तरह की आंधी, पानी और तूफान का सामना कर सके.
मकान तैयार हो गया है तो उसमें शुभ मुहूर्त में ही रहने के लिए प्रवेश करना चाहिए. शुभ मुहूर्त में गृह प्रवेश करने से परिवार में शांति बनी रहती है और पूरा परिवार तेजी से उन्नति करता है. कभी कोई बड़ी परेशानी नहीं आती है और यदि किसी तरह की परेशानी आती भी है तो उसका निदान भी निकलता है, इसलिए कभी भी गृह प्रवेश में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए और शुभ एवं मंगल लग्न नक्षत्र व तिथि देखकर ही नए भवन में प्रवेश करना चाहिए. मुहूर्त पंचांग के अनुसार तिथि, नक्षत्र और इस दिन गृह प्रवेश से होता है शुभ ही शुभ.
शुभ नक्षत्र- नवीन गृह प्रवेश के लिए रोहिणी, मृगशिरा, चित्रा, अनुराधा, तीनों प्रकार के उत्तरा और रेवती नक्षत्र को विशेष शुभ माना गया है. विशिष्ट परिस्थितियों में पुष्य, स्वाति, धनिष्ठा और शतभिषा में भी गृह प्रवेश किया जा सकता है.
शुभ वार- चंद्र यानी सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार.
शुभ तिथि- शुक्ल पक्ष की प्रथमा रिक्ता संज्ञा, चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी तथा अमावस्या रहित सभी तिथियां मान्य हैं.
लग्न- शुभ तथा स्थिर लग्न सर्वोत्तम होती है.
गाय व कन्या के सन्मुख कलश, श्रीफल, आम्रपर्ण, पुष्पमाला, तथा विप्र सहित वेद ध्वनि, मांगलिक गायन वाद्य के साथ दंपत्ति को नव गृह में प्रवेश करना चाहिए.