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Holashtak Importance: हिंदू धर्म में कई तीज-त्योहार मनाए जाते हैं जिनमें होली का भी बहुत महत्व है. फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है. इससे ठीक आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाता है. होलाष्टक यानी होली से आठ दिन पहले से कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती है. इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, नया बिजनेस आदि की शुरुआत नहीं की जाती.
कहते हैं होलाष्टक से आठ दिन अशुभ होते हैं. हालांकि इस दौरान जप-तप और भगवान की आराधना करने की सलाह दी जाती है. इस बार होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च से हो रही है और 24 मार्च होलिका दहन के दिन इसका अंत होगा. इसके अगले दिन 25 मार्च को रंग वाली होली खेली जाएगी. होलाष्टक के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसके कुछ नियम बताए गए हैं.
आइए जानते हैं कि होलाष्टक के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए
होलाष्टक पर क्या करें
होलाष्टक का समय जप-तप का समय होता है. इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करनी चाहिए. कहते हैं ऐसा करने से घर में शुख-शांति बनी रहती है.
होलाष्टक के दौरान रोजाना भगवान शिव की पूजा भी करनी चाहिए और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना भी फायदेमंद रहता है. इससे जीवन में आ रहा संकट टल जाता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलाष्टक के दौरान बच्चों से खासकर बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए. पौराणिक मान्याताओं के अनुसार होलाष्टक के दौरान ही विष्णु भगवान के परम भक्त प्रहलाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप ने बहुत प्रताड़ित किया था. प्रहलाद को विष्णु भगवान की भक्ति से दूर करने के लिए हिरण्यकश्यप ने सात दिनों तक उन पर बहुत जुल्म किए थे.
होलाष्टक पर क्या न करें
- होलाष्टक के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य न करें. इस दौरान मांगलिक कार्य करने से वे सफल नहीं होते और आगे चलकर समस्याएं आती हैं.
- होलाष्टक के दौरान नया घर, प्रोपर्टी, गाड़ी आदि न खरीदनी चाहिए और न ही बेचनी चाहिए.
- होलाष्टक के दौरान नया बिजनेस, नई नौकरी भी ज्वॉइन नहीं करनी चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)