कुंडली के नौवें घर का स्वामी सूर्य, चंद्रमा या गुरु के होने से इंसान को राज्य के राजयोग का सुख मिलता है. ऐसी कुंडली वाले लोग राज्य में उच्च पद हासिल करते हैं.
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नई दिल्ली: ज्योतिष के मुताबिक कुंडली से इंसान की का भाग्य पता चलता है. किसी भी व्यक्ति की कुंडली का नौवां घर भाग्य के बारे में बताता है. ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि जिस इंसान की कुंडली का नौवां घर हो, वह किस्मत वाला होता है. इसके अलावा कुंडली का नौवां घर धर्म-कर्म के बारे में भी बताता है. साथ ही इसका अच्छा होने से इंसान जीवन मे खूब तरक्की करता है. नौवें भाव के भाव के स्वामी कुंडली में राजयोग बनाते हैं. 9वें भाव से कुंडली में राजयोग कैसे बनता है, इसे जानते हैं.
कुंडली के नौवें घर का स्वामी सूर्य, चंद्रमा या गुरु के होने से इंसान को राज्य के राजयोग का सुख मिलता है. ऐसी कुंडली वाले लोग राज्य में उच्च पद हासिल करते हैं. साथ ही राज्य में मान-सम्मान भी बहुत अधिक मिलता है. इसी तरह नौवें घर का सबसे शक्तिशाली है. साथ ही इसे लक्ष्मी का भी स्थान माना गया है. ऐसे में अगर नौवें घर का संबंध दसवें भाव से हो तो धर्म कर्माधिपति राजयोग बनता है.
पराशर ऋषि के मुताबिक कुंडली के नौवें घर सबसे शुभ होता है. अगर इस घर के स्वामी का संबंध दसवां घर और दशमेश के साथ हो तो इंसान बहुत अधिक भाग्यशाली होता है. इसके अलावा इंसान बेहद धनी भी होता है. इसके अलावा इंसान राज योग का सुख पाता है. इस राज योग के पीछे दसवें भाव का खास महत्व होता है. ज्योतिष में दसवें घर यानि भाव को बहुत शुभ माना जाता है. क्योंकि यह घर सबसे शक्तिशाली होता है. यह घर विष्णु का भी स्थान माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)