आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) कहते हैं. इस साल इसे 30 और 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा. शरद पूर्णिमा के खास अवसर पर लोग व्रत व विशेष पूजा करते हैं. इसे आरोग्य का पर्व भी कहा जाता है.
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नई दिल्ली: हिंदू कैलेंडर के अनुसार शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है. पंडित जगन्नाथ के मुताबिक, शरद पूर्णिमा भगवान विष्णु, भगवान राम और भगवान कृष्ण जैसे विभिन्न अवतारों के लिए उत्सव के रूप में मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि श्रीकृष्ण का जन्म 16वें काल में हुआ था, जबकि श्रीराम का जन्म इस पूर्णिमा के 12वें काल में हुआ था. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, धन की देवी लक्ष्मी भी वहीं रहती हैं, जहां इस दिन विष्णु भगवान और देवता की प्रार्थना की जाती है.
मौसम के बदलाव का सूचक
शरद पूर्णिमा को देश के दक्षिणी भागों में 'कुमार पूर्णिमा' के रूप में भी जाना जाता है. शरद पूर्णिमा 'अश्विन मास' का अंतिम चंद्र दिवस है. इस दिन लोगों को सुबह जल्दी उठना चाहिए और दिन के दौरान पास की किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. इस पर्व पर चंद्रमा की रोशनी में खीर रखी जाती है. कहावत है कि चंद्रमा की किरणों के नीचे रखी इस खीर को खाने से सारे रोगों का निवारण होता है. इसे इम्युनिटी बूस्टर (Immunity Booster) माना जाता है.
खीर का भोग चढ़ाएं
गाय के दूध से बनी चावल की खीर को छोटे-छोटे बर्तनों में भर दें. अब इन्हें चंद्रमा की रोशनी में छलनी से ढककर रख दें. इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त में जागते हुए गणपति जी की आरती के बाद भगवान विष्णु सहस्त्रनाम जप, श्रीसूक्त का पाठ, भगवान श्री कृष्ण की महिमा, श्रीकृष्ण मधुराष्टकम का पाठ और कनकधारा स्त्रोत का पाठ करें. अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करने के बाद मां लक्ष्मी को खीर अर्पित करके घर वालों को प्रसाद स्वरूप ग्रहण करने के लिए दें.
शरद पूर्णिमा की पूजन विधि
शरद पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान कर लें. फिर घर का मंदिर साफ करके माता लक्ष्मी और श्री हरि के पूजन की तैयारी कर लें.
1. एक चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं.
2. उस पर माता लक्ष्मी और विष्णु जी की मूर्ति स्थापित करें.
3. प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं, गंगाजल छिड़कें और अक्षत, रोली का तिलक लगाएं.
4. सफेद या पीले रंग की मिठाई से भोग लगाएं और पुष्प अर्पित करें. यदि गुलाब के फूल हों तो बेहतर रहेगा.
शरद पूर्णिमा तिथि एवं मुहूर्त
शरद पूर्णिमा तिथि प्रारंभ : 30 अक्टूबर को शाम 05.45 बजे
शरद पूर्णिमा तिथि समाप्ति : 31 अक्टूबर को रात 08.18 बजे
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