Kedarnath Temple: रविवार को केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए वैदिक रीति-रिवाजों के साथ बंद कर दिए गए. इस अवसर पर 18,000 से अधिक श्रद्धालु वहां उपस्थित थे. बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी हरीश गौड़ ने जानकारी दी कि कपाट बंद होने से पहले सुबह चार बजे वैदिक विधियों और धार्मिक परंपराओं का आयोजन किया गया और सुबह साढ़े आठ बजे कपाट बंद कर दिए गए. कपाट बंद होने की इस विशेष पूजा और परंपराओं का साक्षी बनने के लिए हजारों श्रद्धालु वहां पहुंचे.


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बर्फबारी के कारण मंदिर के कपाट बंद
बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि इस साल केदारनाथ यात्रा में 16.5 लाख से अधिक तीर्थयात्री शामिल हुए. 11,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ, देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और हर साल लाखों श्रद्धालुओं का केंद्र बना रहता है. सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.


पालकी में ओंकारेश्वर मंदिर ले जाया गया
गौड़ ने बताया कि भगवान शिव की मूर्ति को कपाट बंद होने से पहले पालकी में ओंकारेश्वर मंदिर ले जाया गया, जहां शीतकाल के दौरान उनकी पूजा की जाएगी. भाई दूज के दिन, देशभर से शिव भक्त बड़ी संख्या में श्री केदारनाथ धाम पहुंचे. इस अवसर पर भारतीय सेना के बैंड की भक्ति-धुनों के बीच वैदिक विधि-विधान और धार्मिक परंपराओं के साथ बाबा के कपाट बंद किए गए.


रविवार सुबह पांच बजे से बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हुई. बीकेटीसी के आचार्य, वेदपाठियों, पुजारीगणों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की. स्वयंभू शिवलिंग को भस्म, स्थानीय पुष्पों बेल पत्र आदि से समाधि रूप दिया गया. प्रातः 08:30 बजे बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली को मंदिर से बाहर लाया गया इसके बाद श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए.


भारी संख्या में शिव भक्त मौजूद रहे
कपाट बंद होने के साथ ही बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव डोली ने अपने पहले पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान किया. हजारों श्रद्धालु बाबा की पंचमुखी डोली के साथ पैदल ही रवाना हुए. इस दौरान भारी संख्या में शिव भक्त मौजूद रहे और उनमें गजब का उत्साह देखने को मिला. यात्रा सीजन के दौरान 16.5 लाख से अधिक तीर्थयात्री पूजा-अर्चना के लिए केदारनाथ पहुंचे. गढ़वाल हिमालय में 11,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है.


यह हर साल लाखों तीर्थयात्रियों के लिए एक लोकप्रिय तीर्थस्थल होता है. मंदिर सर्दी के दौरान बर्फ गिरने के कारण बंद रहता है. मंदिर समिति के एक अधिकारी ने बताया कि यमुनोत्री धाम अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:05 बजे बंद कर दिया गया. एक अन्य चारधाम मंदिर गंगोत्री को शनिवार को बंद कर दिया गया था. बद्रीनाथ 17 नवंबर को बंद होगा.