Trending Photos
नई दिल्ली: चातुर्मास (Chaturmas) का पहला महीना यानी कि सावन का महीना (Sawan Ka Mahina) भगवान भोलेनाथ (Lord Shankar) को समर्पित है. दरअसल, पार्वतीजी ने सावन महीने में निराहार रहकर कठोर व्रत और तपस्या की थी. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उनसे विवाह किया था, इसीलिए मनचाहा वर पाने के लिए सावन सोमवार के व्रत को बहुत अहम माना गया है. इसके अलावा देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के निद्रा में चले जाने के बाद शिवजी ही 4 महीने तक सृष्टि का संचालन करेंगे. इस लिहाज से भी इस दौरान शिव की आराधना का बहुत महत्व है.
मान्यता है कि इस महीने में पूजा-व्रत करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सावन सोमवार के व्रत करने के अलावा कई लोग इस पूरे महीने में व्रत रखते हैं. ऐसे लोगों को कुछ खास बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए.
- सावन के पूरे महीने व्रत (Sawan Month Vrat) कर रहे हैं तो इस दौरान फर्श पर सोना और सूर्योदय से पहले उठना बहुत अच्छा होता है.
- जागने पर ज्यादातर समय भगवान की आराधना में लगाना और मौन रहना बहुत अच्छा है. ताकि मुंह से ना तो गलत शब्द निकलें और ना ही मन भटके.
- इस व्रत में दूध, शक्कर, दही, तेल, बैंगन, पत्तेदार सब्जियां, मसालेदार भोजन का सेवन न करें. फलाहार भी संयम से करें. उतना ही भोजन करें कि नींद न आए और भगवान की आराधना में व्यवधान न आए.
- यदि पूरे महीने व्रत न भी रखें तो भी सुपारी, मांस और मदिरा का सेवन न करें.
यह भी पढ़ें: Gupt Navratri और Pratyaksha Navratri में है बड़ा Difference, 9 दिन कर लेंगे आराधना तो पूरी होगी हर मनोकामना
- सावन के पूरे महीने व्रत रखने वाले लोगों को इस दौरान दाढ़ी नहीं बनाना चाहिए. बाल और नाखून भी नहीं काटने चाहिए.
- भगवान भोलेनाथ के अलावा भगवान विष्णु और अपने इष्ट देव की भी आराधना करें.
- पति-पत्नी संयम रखें. हो सके तो व्रत में यात्रा न करें, बल्कि घर पर रहकर ही भगवान की आराधना करें.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)