महाशिवरात्री महेश यानि शिव की कृपा पाने का एक उपाय बताया गया है. ये वो रात्रि है जिस दिन शिव अपने भक्तों की तुरंत सुनते हैं. शिव को देवाधिदेव कहा गया है
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नई दिल्ली: ये बहस की जा सकती है कि भगवान हैं या नहींं, जो भगवान को नहींं मानते वो भी आश्यर्य चकित हो जाते हैं कि एक साधारण सा व्यक्ति भगवान की पूजा पाठ या आध्यात्मिक क्रियाएं करके इतनी जल्दी कैसे आत्मविश्वास जुटा लेता है और कई बार ऐसे काम कर जाता है जो असंभव सा दिख रहा हो. नहींं मानने वालों के पास सैंकडों कारण हैं भगवान के अस्तित्व को नकारने के और ठीक वैसे ही मानने वालों के पास भी सैंकड़ों कारण हैं भगनान में विश्वास करने के. कुछ लोग भगवान में विश्वास नहीं रखते पर सुपर नेचुरल पावर में रखते हैं या मानते हैं कि कोई ऐसी शक्ति है जो दुनिया को चला रही है. देख जाए तो ये सारी बातें श्रद्धा और विश्वास की बात है .
सनातन धर्म में त्रिमूर्ति याने ब्रह्मा विष्णु महेश को श्रृष्टि मैनेजमेंट करने वाला बताया गया है. श्रृष्टि यानि पूरा ब्रह्रांण जिसमें धरती समेत कई ग्रह,कई आकाशगंगा सब कुछ है. ये भी माना गया है कि ये अकेले नहींं है ब्रह्माणी, रुद्राणी, और नारायणी के बिना अधूरे हैं. यानी पुरुष और स्त्री दोनों का स्वरुप मिल कर ही सर्वोच्च सत्ता है. इनकी कृपा पाने के अनेक रास्ते बताए गए हैं.
महाशिवरात्री (Mahashivratri 2020) महेश यानि शिव की कृपा पाने का एक उपाय बताया गया है. ये वो रात्रि है जिस दिन शिव अपने भक्तों की तुरंत सुनते हैं. शिव को देवाधिदेव कहा गया है वे ऐसे भगवान हैं जो सक्षम के हैं अक्षम के भी है, देवों के भी पूज्य हैं और राक्षसों के भी, अच्छा माना जाने वालों के लिये भी और बुरा माना जाने वालों के लिये भी,
दिन में काम करने वाले प्राणियों के लिये और रात्रिचरों के लिये भी , मनुष्यों के लिये भी और वो भी जो मनुष्य योनि में नहीं हैं जैसे भूत,गंधर्व,यक्ष . यानि एक तरह से वे यूनिवर्सल तरह के भगवान हैं जो सबके लिये समान रुप से कृपा बरसाने के लिये तैयार हैं. कहने का मतलब ये कि उनसे जुडने और कृपा पात्र बनने के लिये कोई बहुत बड़े नियम नहींं हैं सामान्य से नियम हैं जिनका पालन करके उनकी कृपा पाई जा सकती है. ये कहा गया है कि वे भोले नाथ हैं, इतने भोले हैं कि भक्त के थोड़े से काम, स्मरण या पूजा से ही प्रसन्न हो जाते हैं.
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महाशिवरात्री माता पार्वती (रुद्राणी) और शिव के विवाह की रात्रि बताई गई है, ऐसा भी बताया गया है कि इस दिन शिव और ज्योतिर्लिंग प्राकट्य दिवस है भी है. शिव का अर्धनारीश्वर का रुप इस दिन विशेष तौर पर पूज्य है. उसी का प्रतीक शिवलिंग भी है. शिवलिंग ब्रहांडीय उर्जा ,शक्ति का स्रोत कहा गया है. महाशिवरात्री पर उन्हें प्रसन्न करने के कुछ ओपन सीक्रेट्स हैं जिनका ध्यान रखा जाए तो वो तुरंत प्रसन्न होते हैं और भक्त के जीवन में बड़ा बदलाव आ जाता है.
पंडित सकला नंद बलोदी के अनुसार आपको बताते हैं कि ऐसे कौन से काम हैं जो शिवजी को पसंद नहींं हैं, यानि जिनसे शिव की कृपा आपको नहींं मिलेगी. इसका मतलब ये भी कि ये बातें भूलकर भी नहीं करना है.