नई दिल्ली: नवरात्र (Nvratra 2020) की नौ दिनों की साधना के बाद अब कन्या पूजन (Kanya Poojan) का अवसर आ गया है. कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर कुछ लोग यह पूजन अष्टमी तिथि को तो कुछ नवमी वाले दिन करते हैं. कोरोना (Coronavirus) महामारी के चलते इस बार पूजन के लिए यदि आपको कन्या न मिलें तो निराश होने की जरूरत नहीं है. आप चाहें तो घर या मंदिर में देवी पूजन करने के पश्चात कन्याओं के यहां जाकर उनकी जरूरत का सामान और फल-मिष्ठान आदि देकर अपनी पूजा पूरी कर सकते हैं.


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नवरात्र के नौ दिनों की साधना का शुभ फल पाने के लिए आप अष्टमी या नवमी वाले दिन अपने घर में ही देवी की विधि-विधान से पूजा करें.


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1. कन्या पूजन से पहले घर की साफ-सफाई और स्वयं स्नान-ध्यान करें. इसके बाद भगवती की विधि-विधान से पूजा करें.
2. यदि आपके घर में कन्याएं आ सकती हैं तो आप सबसे पहले आदर सहित उनके पांव धोएं और उन्हें पवित्र आसन पर बिठाएं.
3. इसके पश्चात कन्याओं का पैर रोली, कुमकुम आदि से पूजें और दीपक से उनकी आरती उतारें.


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4. देवी स्वरूप कन्याओं के पूजन के बाद उन्हें खाने के लिए पूड़ी, चना, हलवा, नारियल आदि दें. मां भगवती को भोग लगाकर ही कन्याओं को प्रसाद दें.
5. कन्याओं के साथ एक बालक की पूजा अवश्य करें क्योंकि माता के मंदिर के साथ भैरव की पूजा जरूरी मानी गई है.
6. कन्याओं को सम्मान के साथ प्रसाद खिलाने के बाद भेंट स्वरूप कुछ न कुछ जरूर दें.


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7. लॉकडाउन (Lockdown) और कोरोना के चलते आप चाहें तो उन्हें उनकी जरूरत का सामान देकर आशीर्वाद पा सकते हैं.
8. यदि किसी कन्या का परिवार खुला प्रसाद लेने में संकोच करे तो आप बंद पैकेट वाली खाने-पीने की चीजें और फल दे सकते हैं.
9. यदि आप किसी ऐसी जगह पर हैं, जहां प्रसाद आदि नहीं बना या खरीद सकते हैं तो आप कन्याओं को अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा देकर अपनी पूजा पूरी कर सकते हैं.


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10. यदि आप किसी ऐसी जगह पर हैं, जहां आपको कन्याएं पूजन के लिए नहीं मिल रही हैं और आप चाहकर भी उन्हें अपनी तरफ से कुछ दे नहीं सकते तो परेशान न हों. देवी पूजन के बाद कन्याओं को दिए जाने वाले धन को हाथ में जल के साथ रखकर संकल्प लें और उसे नवरात्र के बाद जहां भी कन्या मिले, उन्हें दे दें.


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