अष्टमी और नवमी के मुहूर्त को लेकर न हों परेशान, जानिए दशहरा तक की सही तारीख
Advertisement
trendingNow1771690

अष्टमी और नवमी के मुहूर्त को लेकर न हों परेशान, जानिए दशहरा तक की सही तारीख

इस साल भक्तों में अष्टमी और नवमी की तिथि को लेकर संशय की स्थिति है. मुहूर्त दो दिनों का होने से किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि वे व्रत किस दिन करें और पूजन किस दिन. कल यानी 24 अक्टूबर, शनिवार को महाअष्टमी का व्रत रखा जाएगा. जानिए अष्टमी, नवमी व दशहरा का मुहूर्त.

अष्टमी, नवरात्रि व दशहरा का शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली: हिन्दू धर्म में शारदीय नवरात्रि (Navratri) का बेहद महत्व है. भारत के अलग-अलग राज्यों में नवरात्रि के 9 दिनों को काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दौरान नौ दिनों तक देवी की आराधना कर उन्हें उनका पसंदीदा प्रसाद चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है.

  1. व्रत का मुहूर्त दो दिन होने से लोगों में संशय की स्थिति है
  2. महाष्टमी का व्रत शनिवार, 24 अक्टूबर को रखा जाएगा
  3. दशहरा 25 अक्टूबर को 11 बजे के बाद से मनाया जाएगा

मुहूर्त को लेकर संशय
इस साल भक्तों में अष्टमी और नवमी की तिथि को लेकर संशय की स्थिति है. मुहूर्त दो दिनों का होने से किसी को समझ में नहीं आ रहा है कि वे व्रत किस दिन करें और पूजन किस दिन. कल यानी 24 अक्टूबर, शनिवार को महाअष्टमी का व्रत रखा जाएगा. जानिए अष्टमी, नवमी व दशहरा का मुहूर्त.

यह भी पढ़ें- अष्टमी और नवमी पर देवी मां को चढ़ाएं यह प्रसाद, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

महाअष्टमी का मुहूर्त- 23 अक्टूबर को सुबह 06.58 बजे से 24 अक्टूबर, शनिवार को 7 बजकर 1 मिनट तक. उदया तिथि होने की वजह से अष्टमी शनिवार को ही मनाई जाएगी.
नवमी का मुहूर्त- 24 अक्टूबर को अष्टमी खत्म होते ही नवमी लग जाएगी, जो कि 25 अक्टूबर को सुबह 7.44 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि के अनुसार नवमी की पूजा 25 अक्टूबर को की जाएगी.
दशहरा का मुहूर्त- 25 अक्टूबर को 11 बजे के बाद दशमी तिथि लग जाएगी और इसी दिन दशहरा मनाया जाएगा.

यह भी पढ़ें- Dussehra 2020: बहुत कम लोग जानते हैं रामकथा के खलनायक रावण के ये गुण

हालांकि मुहूर्त के हिसाब से कई लोग अष्टमी और नवमी एक साथ भी मना रहे हैं.

व्रत का मुहूर्त दो दिन होने से लोगों में संशय की स्थिति बनना आम बात है. कई बार मुहूर्त राज्य व क्षेत्र विशेष भी होता है, यानी लोग अपने-अपने क्षेत्र में प्रचलित मुहूर्त के हिसाब से पूजन करते हैं. ऐसे में आप अपने पंडित जी या घर के आस-पास स्थित किसी मंदिर के पुजारी से सलाह-मशविरा कर भी व्रत व कन्य पूजन की तिथि नियत कर सकते हैं.

VIDEO

धर्म से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Trending news