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नई दिल्ली: मां दुर्गा (Maa Durga) की आराधना के पर्व नवरात्रि (Navratri) के समापन पर अंतिम 2 दिनों में कन्याओं की पूजा की जाती है. नवरात्रि में कन्याओं का पूजन (Kanya Pujan) करने और उन्हें भोजन कराने का बहुत महत्व है क्योंकि छोटी कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना जाता है. खास कर जो लोग व्रत कर रहे हों या जिनके घरों में घट स्थापना हुई हो, उन्हें कन्या पूजन जरूर करना चाहिए. कन्या पूजन के लिए सही दिन नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि होती हैं. यानी कि इस साल कन्या पूजन करने और उन्हें भोजन कराने के लिए 13 और 14 अक्टूबर का दिन सर्वश्रेष्ठ है.
- कन्या पूजन के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और मां दुर्गा की पूजा करें.
- घर पर कन्या पूजन और भोजन की तैयारी करें. इसके लिए बिना लहसुन-प्याज का सात्विक भोजन बनाएं. आमतौर पर कन्याओं को पूरी-हलवा, खीर और चने की सब्जी खिलाई जाती है.
- कन्या पूजन करने के लिए 2 साल से लेकर 10 साल तक की 9 बच्चियों को अपने घर पर आमंत्रित करें. सामर्थ्य के अनुसार इसकी संख्या कम या ज्यादा भी हो सकती है.
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- कन्याओं के आने के बाद उनके पैर धुलाएं. उन्हें आसन पर बिठाएं. टीका लगाएं, पैर छूकर उनका आशीर्वाद लें.
- कन्याओं को भोजन परोसें.
- भोजन के बाद कन्याओं को अपनी सामर्थ्य के अनुसार भेंट जरूर दें. फिर चाहे वह गेहूं, पैसे या कोई और सामान हो.
- कन्या भोजन में एक लड़के को जरूर बुलाएं. कहते हैं कि बालक भैरव बाबा का रूप होता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)