Hanuman Ji के श्रृंगार में गलती से भी न करें इस चीज का उपयोग, फायदे की जगह हो जाएगा नुकसान
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Hanuman Ji के श्रृंगार में गलती से भी न करें इस चीज का उपयोग, फायदे की जगह हो जाएगा नुकसान

हनुमान जी की कृपा पाने का सबसे अच्‍छा तरीका है, उन्‍हें मंगलवार के दिन उन्‍हें चोला चढ़ाना. हालांकि चोला चढ़ाने में की गई गलती से नुकसान भी हो सकता है, लिहाजा चोला चढ़ाने में उपयोग होने वाले सामान और सही तरीके की जानकारी होना बहुत जरूरी है.

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: रामभक्‍त हनुमान के भक्‍त देश के हर कोने में मिलेंगे. मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी (Hanuman Ji) के लिए लोग व्रत रखते हैं, उनकी पूजा करते हैं. कई लोग उन्‍हें श्रृंगार भी चढ़ाते हैं. इसके अलावा ज्‍योतिष के मुताबिक मंगल (Mangal) ग्रह को मजबूत करने के लिए भी हनुमान जी की पूजा-आराधना या उनसे संबंधित उपाय करने की सलाह दी जाती है. इन उपायों में हनुमान जी को श्रृंगार चढ़ाना भी शामिल है, लेकिन इसमें की गई गलती फायदे की जगह नुकसान करा सकती है. 

  1. मंगलवार को हनुमान जी को चढ़ाएं चोला 
  2. हर संकट हर लेंगे भगवान हनुमान 
  3. चांदी के वर्क का न करें उपयोग

चोला चढ़ाने से होगा बहुत लाभ 

जिन लोगों की राशि में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही हो या शनि ग्रह के कारण कष्‍ट हो रहा हो उन्‍हें हनुमान जी शनिवार के दिन चोला चढ़ाने (Chola Chadana) की सलाह दी जाती है. वहीं मंगल ग्रह कमजोर होने पर मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाने से लाभ होता है. इस चोला चढ़ाने में उपयोग होने वाले सभी सामान को ही अमूमन हनुमान जी का श्रृंगार कहा जाता है. 

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ऐसे चढ़ाएं चोला 

मंदिर में हनुमान जी के सामने घी का दिया जलाकर उनका गंगा जल से अभिषेक करें. फिर साफ कपड़े से प्रतिमा को पोंछ लें. इसके बाद सिंदूर में घी या चमेली का तेल मिलाकर उन्‍हें इसका लेप करें. इसे ही चोला चढ़ाना कहते हैं. भगवान को सबसे पहले बाएं पैर में चोला चढ़ाएं, इसके बाद बाकी जगह लगाएं. कई लोग चोला चढ़ाने के बाद हनुमान जी को सोने या चांदी का वर्क चढ़ाने की सलाह देते हैं, लेकिन कभी भी हनुमान जी के श्रृंगार में चांदी के वर्क का उपयोग न करें क्‍योंकि यह सात्विक नहीं होता है. इससे जातक मुश्किल में आ सकता है. 

चोला चढ़ाने के बाद हनुमान जी को साफ वस्‍त्र और जनेऊ पहनाएं. उन्‍हें रेशम का एक लाल धागा अर्पित करके इसे अपने गले में धारण करने से भी बहुत लाभ होगा. आखिर में भगवान को भोग लगाकर आरती करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें. 

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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