Mahashivratri Panchakshar Stotra 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्‍गुन माह के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इसी दिन भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023, शनिवार को हुआ था. महाशिवरात्रि का दिन भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाने के लिए सर्वश्रेष्‍ठ होता है. इस साल महाशिवरात्रि के दिन शनि ग्रह अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में रहेंगे. ऐसा दुर्लभ संयोग 30 साल बाद बन रहा है. इसके अलावा भी महाशिवरात्रि पर कई शुभ योग बन रहे हैं. इन शुभ योगों में भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए उनकी विधि-विधान से पूजा करना, मंत्र जाप करना बहुत लाभ देगा. शिव पुराण के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन पंचाक्षर स्‍त्रोत का पाठ करना सारी मनोकामनाएं पूरी करता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पंचाक्षर स्तोत्र का महत्व 


मान्‍यता है कि पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ करने से भगवान भोलेनाथ बेहद प्रसन्न होते हैं. व्‍यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं. पंचाक्षर स्तोत्र का पाठ व्यक्ति की अकाल मृत्यु को टालता है, उसे कालसर्प दोष से राहत देता है. महाशिवरात्रि के दिन पंचाक्षर स्‍त्रोत का पाठ करने वाले व्‍यक्ति के सारे दुख-दर्द, संकट दूर होत हैंं. 


शिव पंचाक्षर स्तोत्रम्
 
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम:शिवाय॥1॥


मंदाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथ महेश्वराय।
मण्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम:शिवाय॥2॥


शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्दसूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
श्रीनीलकण्ठाय बृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम:शिवाय॥3॥


वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नम:शिवाय॥4॥


यक्षस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नम:शिवाय॥5॥


पञ्चाक्षरिमदं पुण्यं य: पठेच्छिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥6॥


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें