पीपल के पेड़ को देवी-देवताओं के साथ-साथ प्रेत-आत्मा और पितरों का वास स्थान भी माना जाता है. इसकी पूजा को लेकर कुछ खास नियम बताए गए हैं जिनका पालन न करने से हमारे जिंदगी पर आफतों का पहाड़ टूट पड़ता है.
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Benefits of lighting diya under peepal tree: हिंदू धर्म में पेड़-पौधों की पूजा को बेहद शुभ माना जाता है. नीम, पीपल, बरगद, तुलसी, शमी और आंवले समेत कई पेड़-पौधों की पूजा की जाती है. सनातन धर्म में पेड़-पौधों को भगवान के बराबर का दर्जा दिया गया है. साइंस और आयुर्वेद के लिहाज से भी पेड़-पौधे बेहद लाभकारी होते हैं. इन से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं आज भी समाज में प्रचलित हैं. शास्त्रों में पीपल के पेड़ और उसके पूजा को लेकर कुछ खास बातें बताई गई हैं. पीपल के पेड़ को देवी-देवताओं के साथ-साथ प्रेत-आत्मा और पितरों का वास स्थान भी माना जाता है. इसकी पूजा को लेकर कुछ खास नियम बताए गए हैं जिनका पालन न करने से हमारे जिंदगी पर आफतों का पहाड़ टूट पड़ता है.
रविवार के दिन न करें ये गलती
शास्त्रों में कहा गया है कि रविवार के दिन भूलकर भी पीपल के पेड़ की पूजा नहीं करनी चाहिए. रविवार को इस पेड़ की पूजा करना अशुभ माना जाता है. शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि अगर आप रविवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करते हैं तो इससे आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है और घर-परिवार में बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है. आपको बता दें कि पौराणिक कहानियों के अनुसार माता लक्ष्मी और उनकी बहन दरिद्रा दोनों ही पीपल के पेड़ में वास करती हैं.
इस वजह से न करें रविवार को पूजा
माता लक्ष्मी की बहन दरिद्रा चाहती थी कि उनका विवाह एक ऐसे व्यक्ति से हो जो पूजा-पाठ न करता हो. तब उनका विवाह भगवान विष्णु ने एक ऐसे ही एक व्यक्ति से करा दिया और रविवार के दिन इन दोनों को पीपल के पेड़ में रहने का स्थान दिया गया. इसलिए रविवार के दिन कभी भी पीपल के पेड़ की पूजा नहीं करनी चाहिए वरना माता लक्ष्मी की बहन अलक्ष्मी घर में प्रवेश कर जाती है जिसके बाद से घर के बुरे दिन शुरू हो जाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)