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कुंडली के ये 5 दोष हैं बेहद खतरनाक, किसी एक के कारण शुरू हो सकता है बुरा समय; जानें उपाय

किसी भी इंसान की जिंदगी में कुंडली का विशेष महत्व है. जन्म तिथि, जन्म समय और जन्म स्थान के आधार ग्रह-नक्षत्रों की गणना की जाती है. जिससे कुंडली में मौजूद गुण-दोषों का पता चलता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के दोष जीवन की दशा और दिशा को तय करते हैं. कठिन परिश्रम के बावजूद भी अगर सफलता ना मिले तो हो सकता है कि कुंडली के दोष काम बिगाड़ रहे हैं. कुंडली के 5 दोष बेहद खतरनाक होते हैं. इनमें से किसी एक की मौजूदगी के कारण बुरा समय शरू हो जाता है. आइए जानते हैं कुंडली के 5 खतरनाक दोष और उनके उपाय.

गुरू चांडाल दोष

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गुरू चांडाल दोष

गुरू चांडाल दोष जिंदगी पर बेहद नकारात्मक प्रभाव डालता है. गुरू चांडाल दोष कुंडली में तब बनता है जब कहीं भी बृहस्पति और राहु की युति होती है. इस दोष के कारण व्यक्ति का चरित्र खराब हो जाता है. साथ ही जीवन में हमेशा फिजूलखर्ची बनी रहती है. इसके अलावा इस दोष के प्रभाव से गंभीर रोग का भी खतरा रहता है. ऐसे में इस दोष के मुक्ति पाने के लिए नियमित सुबह-शाम गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए. साथ ही गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. साथी गुरुवार के दिन गाय को चना दाल और गुड़ खिलाना चाहिए. 

कालसर्प दोष

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कालसर्प दोष

कुंडली में कालसर्प दोष राहु-केतु की युति से बनता है. इस दोष की वजह से जीवन में बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है. साथ ही बार-बार कोशिश करने के बाद भी काम नहीं बनता है. ऐसे में इस दोष से छुटकारा पाने के लिए मंगलवार के दिन सांप को दूध पिलाएं. मां दुर्गा और भगवान गणेश की उपासना करें. इसके अलावा राहु-केतु के लिए मंगलवार के दिन अनुष्ठान करें. 

केंद्राधिपति दोष

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केंद्राधिपति दोष

बुध, शुक्र, चंद्रमा और बृहस्पति शुभ ग्रह माने गए हैं. कुंडली के केंद्र में बुध और बृहस्पति की युति से केंद्राधिपति दोष लगता है. कुंडली का पहला, चौथा, सातवां और 10वां केंद्र भाव होता है. केंद्राधिपति दोष की वजह से व्यक्ति को जीवन में करियर से संबंधित तमाम तरह की मुश्किलें आती हैं. इस दोष को दूर करने के लिए नियमित भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. रोजाना कम से कम 11 बार ओम् नमो नारायणाय का जाप करना चाहिए. इसके अलावा ओम् नमः शिवाय का भी जाप करना चाहिए. 

मंगल दोष

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मंगल दोष

मंगल दोष की गिनती खतरनाक दोषों में होती है. मंगल दोष की वजह से रिश्तों में तनाव उत्पन्न होता है. वैवाहिक जीवन कष्टमय होता है. कुंडली में मांगलिक दोष मंगल के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या 12वें भाव में होने से बनता है. मंगल दोष को दूर करने के लिए मांगलिक दोष का निवारण करना चाहिए. नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. साथ ही ओम् भोमाय नमः का 108 बार जाप करना चाहिए.

पितृ दोष

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पितृ दोष

जब किसी व्यक्ति के पितृ प्रसन्न नहीं होते हैं तो पितृ दोष का निर्माण होता है. इसके अलावा जब कुंडली में सूर्य के साथ राहु-केतु की युति होती है तो पितृ दोष बनता है. इस दोष के कारण जीवन में विकास रुक जाता है. साथ ही नौकरी से संबंधित परेशानियां होती हैं. साथ ही धन की भी हानि होती है. इस दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृ के निमित्त तर्पण करना चाहिए. साथ ही कौवों और अन्य पक्षियों को दाना देना चाहिए. अमावस्या के दिन सफेद गाय को हरी घास खिलाने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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