ग्रहों के राजकुमार कहे जाने वाले बुध ग्रह ने अप्रैल महीने के पहले ही दिन यानी 1 अप्रैल को राशि परिवर्तन कर लिया है. बुध कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश कर गए हैं. बुध, 16 अप्रैल 2021 तक मीन राशि में ही रहेंगे. बुध ग्रह को बुद्धि का कारक माना जाता है और जिन लोगों का बुध ग्रह प्रबल होता है, ऐसे लोगों बौद्धिक कार्य में अधिक रूचि होती है. सभी 12 राशियों पर बुध के इस राशि परिवर्तन का कोई न कोई असर अवश्य पड़ेगा.
6 अप्रैल 2021 मंगलवार को सबसे बड़े ग्रह देव गुरु बृहस्पति की राशि में परिवर्तन होने वाला है. बृहस्पति मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. 14 सितंबर तक कुंभ राशि में ही रहने के बाद बृहस्पति वक्री अवस्था में फिर से मकर राशि में वापस आएंगे जहां 20 नवंबर 2021 तक रहेंगे. इसके बाद फिर से मार्गी अवस्था में आकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. बृहस्पति इस साल तीन बार अपनी चाल में परिवर्तन करेंगे.
भौतिक सुख सुविधाएं प्रदान करने वाले कारक ग्रह शुक्र 10 अप्रैल शनिवार को राशि परिवर्तन करने वाले हैं. शुक्र मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे जहां वह 4 मई 2021 तक रहेंगे. इसके बाद शुक्र अपनी राशि वृषभ में आ जाएंगे. शुक्र का राशि परिवर्तन सभी राशियों को शुभ-अशुभ परिणाम देगा.
ग्रहों के सेनापति कहे जाने वाले मंगल ग्रह 14 अप्रैल को राशि परिवर्तन करने वाले हैं. मंगल फिलहाल वृषभ राशि में हैं और 14 अप्रैल को वह मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे जहां वह 2 जून 2021 तक रहेंगे. मंगल को क्रोध, ऊर्जा, साहस, युद्ध आदि का कारक ग्रह माना जाता है. मंगल ग्रह हर डेढ़ महीने में राशि परिवर्तन करते हैं.
मंगल के साथ ही सभी ग्रहों के प्रधान कहे जाने वाले सूर्य देव भी 14 अप्रैल को ही राशि परिवर्तन करने वाले हैं. सूर्य फिलहाल मीन राशि में हैं जहां से निकलकर वह अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेंगे. इस दिन को मेष संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास भी खत्म हो जाएगा. सूर्य 14 मई तक मेष राशि में ही रहेंगे. सूर्य को मान सम्मान का कारक ग्रह माना जाता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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