जालंधर के एक गांव में स्थित शहीद बाबा निहाल सिंह गुरुद्वारा में लोग खिलौने वाले एयरोप्लेन चढ़ाते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से जल्दी वीजा मिलता है और विदेश जाने की इच्छा पूरी होती है.
पूजा की जगह फिर चाहे घर की हो या मंदिर की, उसे हमेशा बेहद साफ-सुथरा रखा जाता है. पूजा की जगह पर झाड़ू रखे होने की बात तो सोचना भी मुश्किल है लेकिन उत्तर प्रदेश के संभल जिला के पातालेश्वर महादेव मंदिर में तो भगवान शिव को झाड़ू अर्पित की जाती है. शिव जी को झाड़ू चढ़ाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से स्किन डिसीज दूर हो जाती हैं.
राजस्थान के बीकानेर में स्थित करणी माता मंदिर में चूहों को भी देवता का दर्जा दिया गया है. यहां बहुत बड़ी तादाद में काले चूहे हैं और भक्त उन्हें दूध पिलाते हैं. यहां किसी चूहे का पैर के नीचे आना अपशगुन माना जाता है.
गुलबर्गा के मोमिनपुर की सात गुम्बज मस्जिद तो बेहद ही अनोखी है. यहां छोटे-छोटे बच्चों को गर्दन तक मिट्टी में दबा दिया जाता है. मान्यता है कि स्पेशल चाइल्ड्स को यहां की मिट्टी में गर्दन तक दबाने से वे सामान्य हो जाते हैं.
उज्जैन के काल भैरव मंदिर में भगवान को प्रसाद के रूप में शराब चढ़ाई जाती है. इतना ही नहीं प्रसाद की शराब को भक्तों में भी बांटा जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से काल भैरव प्रसन्न होते हैं. (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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