Premanand Maharaj: सबसे बड़ा ज्ञान कौन सा है? प्रेमानंद महाराज ने उदाहरण के साथ दिया जवाब
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Premanand Maharaj: सबसे बड़ा ज्ञान कौन सा है? प्रेमानंद महाराज ने उदाहरण के साथ दिया जवाब

Premanand Maharaj ke Satsang: अभी सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें एक बच्चे ने उनसे पूछा कि सबसे बड़ा ज्ञान कौन सा है ? इस पर प्रेमानंद महाराज ने बहुत ही सुंदर जवाब दिया. आइए जानते हैं उनके विचारों के बारे में.

Premanand Maharaj: सबसे बड़ा ज्ञान कौन सा है? प्रेमानंद महाराज ने उदाहरण के साथ दिया जवाब

Premanand Maharaj Vrindavan: श्री प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज जिन्हें केवल प्रेमानंद महाराज के नाम से भी जाना जाता है वृंदावन के मशहूर कथावाचक हैं. महाराज जी अपने विचारों से कई लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. इनके सत्संग में शामिल होने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. तमाम बड़ी हस्तियां भी प्रेमानंद जी के सत्संग में शामिल होने के लिए पहुंच चुकी हैं. सोशल मीडिया पर प्रेमानंद जी के सत्संग की वीडियो वायरल होती रहती हैं जो लोगों को काफी पसंद आती हैं.

 

सबसे बड़ा ज्ञान कौन सा है?
प्रेमानंद जी अपने सत्संग और विचारों के माध्यम से लोगों को आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. अभी सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें एक बच्चे ने उनसे पूछा कि सबसे बड़ा ज्ञान कौन सा है ? इस पर प्रेमानंद महाराज ने बहुत ही सुंदर जवाब दिया. आइए जानते हैं उनके विचारों के बारे में.

 

नाम जप ही सबसे बड़ा ज्ञान
प्रेमानंद महाराज ने बच्चे का जवाब देते हुए कहा कि जब हर समय नाम में प्रीति हो जाए वही सबसे बड़ा ज्ञान है. सबसे बड़ी तपस्या, ज्ञान नाम जप है. महाराज जी ने उदाहरण दिया और कहा कि हिंसा, पापाचरण करने वाला व्यक्ति जिसे किसी चीज का ज्ञान नहीं है वो राम को भी मरा मरा जप रहा था. लेकिन कुछ देर बाद राम-राम उसके मुंह से निकलने लगा. राम जी के जन्म से पहले और उनके प्रकट होने से पहले ही राम जी के चरित्र को रच दिया गया.

 

नाम जप के हैं कई रूप
प्रेमानंद जी कहते हैं कि जिन महात्माओं को ज्ञानी महात्मा कहा गया वो निरंतर नाम जप करते हैं. उदाहरण देते हुए महाराज जी कहते हैं कि सनकादि ऋषि भी हरि शरणम-हरि शरणम रटते रहते थे. कोई भी बिना नाम जप के शुद्ध ज्ञान को प्राप्त नहीं कर सकता है. नाम के भी कई सारे रूप हैं. कोई राम, कोई हरि, कोई कृष्ण तो कोई ओम जपता है.

 

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नाम जप से होगी ज्ञान की प्राप्ति
नाम जप ही सबसे बड़ा ज्ञान है. कोई-कोई ऐसा होता है जिसे शास्त्रों का पूरा ज्ञान है लेकिन नाम जप नहीं करता है तो काम, क्रोध, मोह, माया से विजय हासिल नहीं कर पाएगा. प्रेमानंद जी कहते हैं अगर इन चीजों से विजय हासिल नहीं की तो उस व्यक्ति को ज्ञान नहीं है. कृष्ण-कृष्ण, राधा-राधा नाम जप करते रहेंगे तो सब ज्ञान प्राप्त हो जाएगा.

 

यहां देखें वीडियो
 

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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