Garuda Purana life after death: मरने के बाद क्या होता है, गरुड़ पुराण में इस बारे में विस्तार से ताया गया है. साथ ही ये भी बताया गया है कि मरने के कितने दिन बाद पुर्नजन्म होता है.
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Marne ke baad kya hota hai: गुरुड़ पुराण को महापुराण का दर्जा दिया गया है. गरुड़ पुराण जीवन, मृत्यु और उसके बाद आत्मा के सफर, पुनर्जन्म के बारे में बताया गया है. हिंदू धर्म में व्यक्ति के मरने के बाद उसका दाह संस्कार किया जाता है, फिर 13 दिन बाद तेरहवी की जाती है. साथ ही मृतक की आत्मा की शांति, पिंडदान, तर्पण आदि कर्मकांड किए जाते हैं. गरुड़ पुराण में इन सभी कर्मकांड का महत्व और उनके कारण बताए गए हैं. यही वजह है कि 16 संस्कार में मृत्यु को अंतिम संस्कार माना गया है. अब सवाल यह है कि मरने के बाद आत्मा कहां जाती है, यदि पुनर्जन्म होता है तो कब या कितने दिन बाद होता है. साथ ही अंतिम यात्रा पर निकली आत्मा के साथ क्या-क्या होता है.
मरने के बाद कहां जाती है आत्मा?
गरुड़ पुराण के अनुसार मरने के बाद आत्मा लंबा सफर तय करती है. आत्मा को यमलोक ले जाया जाता है, जहां यमराज के सामने उसके अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब होता है. फिर इसके आधार पर उसके आगे के भविष्य का निर्धारण होता है. यदि व्यक्ति ने बुरे कर्म किए हों तो यमदूत उसकी आत्मा को सजा देते हैं. वहीं अच्छे कर्म करने वालों की आत्मा का ये सफर आरामदायक रहता है. गरुड़ पुराण के अनुसार यमराज तक पहुंचने के लिए आत्मा को करीब 86 हजार योजन की दूरी तय करनी पड़ती है.
ऐसे तय होता है पुनर्जन्म
गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति के कर्म के आधार पर ही उसके पुनर्जन्म का निर्धारण होता है. पापी व्यक्ति की आत्मा को नरक में भेजा जाता है. वहीं पवित्र और पुण्य आत्मा को तो जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और स्वर्ग में स्थान मिलता है. जब व्यक्ति की आत्मा अपने कर्मों के हिसाब से सजा भुगत लेती है तो उसे दूसरा जन्म मिलता है. अगला जन्म किस योनि में मिलेगा इसका निर्धारण कर्मों के आधार पर होता है. गरुड़ पुराण के अनुसार पुनर्जन्म मृत्यु के 3 दिन बाद से लेकर 40 दिनों के अंदर हो जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)