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Raksha Bandhan Significance: सावन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन शिव जी समस्त प्रकृति को रक्षा का वचन देते हैं जैसा उन्होंने हलाहल पीकर किया था. रक्षा वचन से हो, प्रकृति से हो, व्यक्ति से हो, संबंध से हो, राज्य से हो या परिजनों से हो, रक्षा का तत्व ही शिव तत्व है. बहनों को भाई रक्षा का वचन देते हैं इसके पीछे भी शिव-तत्व है. जिस प्रकार आस्तिक, नास्तिक, शिव के निकट व दूर कोई भी जीव हो शिव अपनी दृष्टि उन पर सदैव रखते हैं और रक्षा करते हैं. ठीक उसी प्रकार विवाह के उपरांत ससुराल जाने पर या संकट एवं असहाय होने पर भाई रूपी शिव रक्षा का वचन निभाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं. रक्षा बंधन के पर्व को देखते हुए बाजार में तरह तरह की राखियां सज गई हैं और बहनें भी अपने भाई की कलाई में राखी बांधने के लिए कल्पना कर रही हैं तो यह लेख उन्हें जरूर पढ़ना चाहिए.
सूती धागे का रक्षा सूत्र सबसे उत्तम रहता है. यदि रक्षा सूत्र न उपलब्ध हो तो बहनें कलावा भी बांध सकती हैं. राखी खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें काले अथवा भूरे रंग का प्रयोग कतई न किया गया हो. बच्चों को हाईटेक राखियां ही पसंद हैं तो उनके लिए उसे ले सकते हैं किंतु उसमें रंग का ध्यान रखें और साथ में रक्षा सूत्र अवश्य बांधे. बहनों से तिलक लगवाने एवं राखी बंधवाते समय भाइयों को खाली हाथ नहीं रहना चाहिए. बहन के लिए उपहार एवं धन अवश्य रखना चाहिए. यह त्योहार बहन के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शन करने का है, सुरक्षा को लेकर सकारात्मकता भरने का है.
भाई के लिए मिठाई का चुनाव करते समय ध्यान रखें कि मिठाई हार्ड न हो, मिठाई में रस हो ताकि बहन भाई के बीच में प्रेम रस कभी कम न हो. मिठाई में भी काले व भूले रंग से बचना चाहिए, जैसे काला गुलाबजामुन और चॉकलेट आदि. फल और मेवे भाई को खिलाना सबसे अच्छा रहता है. एक बात और ध्यान रखें कि तिलक करने के बाद बहन को अपने हाथों से भाई को मिठाई खिलानी चाहिए. आशीर्वाद में अपने परिवार की परंपरा का पालन करें. यदि आपके यहां बहनों के पैर छूने की परम्परा है तो अवश्य पैर छूकर रक्षा का वचन दें और यदि छोटी बहन द्वारा भाई के पैर छूने का नियम है तो आशीर्वाद देकर रक्षा के लिए आश्वस्त करें.
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